Last Updated: Saturday, April 7, 2012, 08:48
नई दिल्ली: सरकार से उनकी मांगों पर विचार का आश्वासन मिलने के बाद सर्राफा कारोबारी 21 दिन पुरानी हड़ताल समाप्त कर शनिवार को काम पर लौट आये।
बजट में गैर-ब्रांडेड आभूषण पर उत्पाद शुल्क लगाये जाने और सोने के आयात पर शुल्क बढ़कार दोगुना कर दिये जाने से सर्राफा व्यापारी नाराज थे और पिछले 21 दिन से हड़ताल पर थे। वह गैर-ब्रांडेड आभूषण पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगाये जाने से बेहद खफा थे। उनका मानना है कि इससे छोटे छोटे कारीगरों के लिये काम करना मुश्किल हो जायेगा और इंस्पेक्टर राज की वापसी होगी।
संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी से शुक्रवार को हुई मुलाकात के बाद कई सर्राफा कारोबारी संघों ने हड़ताल वापस ले ली। मुखर्जी ने उन्हें आश्वासन दिया कि गैर-ब्रांडेड जेवरात पर लगे उत्पाद शुल्क को हटाने की मांग पर विचार किया जाएगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस संबंध में घोषणा संसद में ही की जायेगी।
देश की ज्यादातर जौहरियों की दुकानें शनिवार सुबह खुल गईं क्योंकि देश के 154 सर्राफा संघों ने काम पर लौटने का फैसला किया। आंदोलनकारी सर्राफा कोराबारी वित्त वर्ष 2012-13 का पहला लेन-देन आज करेंगे। सर्राफा कारोबारियों की इस हड़ताल के कारण 20,000 करोड़ रुपए के कारोबार का नुकसान हुआ जबकि सरकार को इसपर विभिन्न शुल्कों के रुप में करीब 1,200 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा।
हालांकि यूनियन ने धमकी दी है कि यदि वित्त विधेयक में एक फीसद उत्पाद शुल्क का प्रस्ताव वापस नहीं लिया गया तो वे फिर से हड़ताल करेंगे। वित्त विधेयक पर अगले महीने पहले सप्ताह में संसद में चर्चा होने की उम्मीद है।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, April 7, 2012, 14:18