Last Updated: Monday, March 25, 2013, 16:44
ब्रसेल्स : साइप्रस को दिवालिया होने से बचाने के लिए उसे 10 अरब यूरो (13 अरब डॉलर) का ऋण पैकेज उपलब्ध कराने के एक प्रस्ताव पर यूरो क्षेत्र के देशों के बीच सोमवार को सहमति बनी।
यूरो क्षेत्र के वित्त मंत्रियों की यहां हुई आपात बैठक में साइप्रस के बैंकिंग क्षेत्र को छोटा करने और 2018 तक अर्थव्यवस्था में बैंकिंग क्षेत्र का अनुपात यूरोपीय संघ के स्तर पर के बारे में सहमति बनी।
इसके अलावा यह भी तय हुआ कि साइप्रस के लाइकी बैंक को धीरे-धीरे बंद कर दिया जाएगा। देश का यह दूसरा सबसे बड़ा बैंक है।
यूरोपीय संघ की प्रमुख मांग है कि साइप्रस बैंकों का पुनर्गठन करे क्योंकि साइप्रस की अर्थव्यवस्था के मुकाबले उसका बैंकिंग क्षेत्र बहुत बड़ा है। यूरोपीय संघ के देशों को चिंता है कि कालेधन की पनाहगाह और मनी लांडरिंग के केंद्र के तौर पर साइप्रस का आकर्षण बढ़ रहा है।
साइप्रस की संसद ने देश के खस्ताहाल बैंकिंग क्षेत्र को पूंजीगत सहायता देने के लिए बैंक जमाओं पर कर लगाने के प्रस्ताव को गत मंगलवार को खारिज कर दिया था। इसमें 20,000 और 1,00,000 यूरो के बीच जमाओं पर 6.75 प्रतिशत और इससे ऊपर की जमाओं पर 9.9 प्रतिशत की दर से एक बार शुल्क लगाने की योजना थी। इससे 5.8 अरब यूरो (7.9 अरब डॉलर) जुटाने का लक्ष्य था।
इससे एक सप्ताह साइप्रस के लिए राहत प्रोत्साहन पैकेज में इस पर सहमति बनी थी। यूरो समूह के अध्यक्ष जेरोएन डिजसेलब्लोएम ने बैठक के बाद बताया कि लाइकी बैंक को खत्म करने का निर्णय सबसे महत्वपूर्ण निर्णय है।’
डिजसेलब्लोएम ने कहा कि लाइकी बैंक की स्थिति पिछले कुछ सप्ताहों में ‘बहुत नाजुक’ रही है और इसे नहीं बचाया जा सकता। इसकी ‘अच्छी’ संपत्तियों को बैंक आफ साइप्रस में समाहित किया जाएगा, जबकि ‘खराब’ संपत्तियों को धीरे-धीरे समाप्त किया जाएगा।
एक लाख यूरो तक की सभी जमाओं को बैंक आफ साइप्रस में स्थानांतरित कर दिया जाएगा और इससे अधिक की जमाओं पर शुल्क लगाने का निर्णय आगामी सप्ताह में किया जाएगा। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 25, 2013, 16:44