Last Updated: Thursday, April 12, 2012, 09:26
नई दिल्ली : मंत्रिमंडल ने गुरुवार को एक विधेयक को मंजूरी दी, जिसमें 50 लाख रुपये से अधिक की सरकारी खरीद के एक पारदर्शी बोली प्रक्रिया के जरिए नियमन का प्रावधान है। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सार्वजनिक खरीद विधेयक को मंजूरी दी जिसमें भ्रष्टाचार गतिविधियों में लिप्त पाये गए बोलीकर्ताओं को बाहर करने का प्रावधान है।
फिलहाल केंद्र सरकार और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों की सार्वजनिक खरीद निगरानी के लिए कोई महत्वपूर्ण कानून नहीं है। कंेद्र की खरीद का नियमन आम वित्तीय नियम 2005 के आधार पर किया जाता है। सूत्रों ने बताया कि इस विधेयक के तहत लोकसेवकों के लिए खरीद अनुबंध की बोली लगाने वालों से रिश्वत मांगने या स्वीकार करने का दोषी पाए जाने वालों को छह महीने से पांच साल की जेल का प्रावधान है।
यह पूर्व नौकरशाह विनोद ढल्ल की अध्यक्षता वाली सार्वजनिक खरीद समिति की सिफारिशों पर आधारित है जिसे 22 फरवरी को मंत्रिसमूह ने भ्रष्टाचार से मुकाबले के लिए स्वीकार किया था। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाले मंत्रिसमूह ने इस विधेयक को मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास भेजा था।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, April 12, 2012, 14:56