Last Updated: Thursday, May 24, 2012, 18:25
नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) की याचिका पर फैसला गुरुवार को टाल दिया, जिसमें पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) के उस आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया था, जिसके मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सीएनजी की कीमत में कटौती तथा वर्ष 2008 से ही वसूली गई अतिरिक्त रकम उपभोक्ताओं को लौटाने के आदेश दिए गए हैं। आईजीएल ने अपनी याचिका में कहा कि पीएनजीआरबी ने नौ अप्रैल को यह आदेश देने से पहले उसका पक्ष नहीं सुना।
दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक न्यायाधीश न्यायमूर्ति एके सीकरी तथा न्यायमूर्ति आरएस एंडलॉ ने अतिरिक्त महाधिवक्ता एएस चंडोक से इस बात का आश्वासन मांगा कि जब तक अदालत का आदेश नहीं आ जाता आईजीएल के खिलाफ कोई प्रतिकूल कदम नहीं उठाया जाएगा। चंडोक पीएनजीआरबी की ओर से अदालत में उपस्थित हुए थे।
चंडोक ने आश्वासन दिया कि नियामक बोर्ड की ओर से सीएनजी और पाइप गैस की कीमत में कटौती तथा एक अप्रैल, 2008 से वसूली गई अतिरिक्त कीमत उपभोक्ताओं को लौटाने के इसके पूर्वगामी आदेश के संदर्भ में कोई प्रतिकूल कदम नहीं उठाया जाएगा। आईजीएल की ओर से वरिष्ठ वकील पराग पी. त्रिपाठी ने दलील दी कि बोर्ड के आदेश से कम्पनी पर 1,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 24, 2012, 18:25