Last Updated: Monday, September 9, 2013, 15:56

लखनऊ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सोमवार को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और सहारा क्यू शॉप लिमिटेड को कुछ साल पहले शुरू की गई एक योजना पर नोटिस भेजा। न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह और न्यायमूर्ति अशोक पाल सिंह ने केंद्र और राज्य सरकारों के वकीलों को भी निर्देश दिया कि वह अदालत को बताए कि इस संबंध में क्या-क्या कार्रवाई की गई है।
याचिकाकर्ता अमिताभ और नूतन ठाकुर ने कहा कि उन्होंने सहारा क्यू शॉप की योजना खरीदी थी। सहारा क्यू के कर्मचारियों ने कहा था कि उनके द्वारा जमा किए गए 1,000 रुपये के बदले छह साल बाद 2,335 रुपये मिलेंगे। योजना खरीदते वक्त दी गई सारणी के मुताबिक 1,000 रुपये के लिए रिडेंप्शन मूल्य छह साल बाद 2,354 रुपये था।
याचिकाकर्ता ने अदालत से कहा कि `साधारण नियम और शर्तो` में कहा गया है कि यह योजना सिर्फ सामान खरीदने के लिए दी गई अग्रिम राशि भर है। यह विसंगति पाने और सहारा इंडिया रियल एस्टेट कंपनी बनाम सेबी पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बारे में जानने के बाद याचिकाकर्ता ने सेबी, कंपनी मामलों के मंत्रालय और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय से अनुरोध किया कि निवेशकों के हित में सहारा क्यू शॉप के जरिए एकत्र किए गए पैसे की जांच की जाए।
याचिकाकर्ता ने कहा कि अब तक कोई जवाब नहीं मिलने के बाद उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर करना मुनासिब समझा। मामले की अगली सुनवाई आठ अक्टूबर 2013 को होगी। (एजेंसी)
First Published: Monday, September 9, 2013, 15:56