Last Updated: Friday, March 9, 2012, 12:41
नई दिल्ली : सरकार को आगामी बजट में होम लोन के ब्याज पर मिलने वाली कर छूट को मौजूदा डेढ़ लाख रुपये से बढ़ाकर साढ़े तीन लाख रुपये किया जाना चाहिए। इसके साथ ही विभिन्न प्रकार के निवेश पर मिलने वाली कर छूट लाभ को भी मौजूदा एक लाख से बढ़कार डेढ़ लाख रुपये कर दिया जाना चाहिए। इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (आईसीएसआई) ने सरकार को सौंपे बजट पूर्व ज्ञापन में ये सुझाव दिए हैं।
आईसीएसआई अध्यक्ष निसार अहमद ने बजट पूर्व ज्ञापन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पिछले 10 साल में अचल संपत्ति के दाम तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में होम लोन पर दिए जाने वाले डेढ़ लाख रुपए तक के ब्याज पर आयकर कटौती का लाभ काफी कम लगता है, इसे बढ़ाकर साढे़ तीन लाख रुपए कर दिया जाना चाहिए। आईसीएसआई ने आयकर की धारा 80सी के तहत शामिल विभिन्न प्रकार के निवेश को देखते हुए एक लाख रुपए तक की कर कटौती को कम बताया है।
संस्थान ने कहा है कि हाल ही में लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) की निवेश सीमा को बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिये जाने के बाद यह जरुरी हो गया है कि धारा 80सी के तहत कर योग्य आय में कटौती को मौजूदा एक लाख से बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपए कर दिया जाए।
(एजेंसी)
First Published: Friday, March 9, 2012, 18:11