Last Updated: Monday, April 29, 2013, 21:33

वाशिंगटन : भारत में आर्थिक नरमी दूर होने का संकेत देते हुये अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने आज कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर वर्ष 2013 में सुधरकर 5.7 प्रतिशत और उससे अगले वर्ष 6.2 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है। एशिया और प्रशांत क्षेत्र के आर्थिक दृष्टिकोण पर जारी आईएमएफ की रिपोर्ट के अनुसार एशिया क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि इस कैलेंडर वर्ष में 5.7 प्रतिशत रहेगी जबकि इससे अगले वर्ष में यह 6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। आईएमएफ अनुमान के अनुसार वर्ष 2010 में भारत की वास्तविक आर्थिक वृद्धि 11.2 प्रतिशत और वर्ष 2011 में 7.7 प्रतिशत रही। पिछले कैलेंडर वर्ष में यह 4 प्रतिशत रही।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि दक्षिण एशिया, ‘‘बाहरी मांग का अनुकूल रख बनने से भारत में आर्थिक वृद्धि में हल्के सुधार के बावजूद ढांचागत क्षेत्र में व्याप्त चुनौतियों से संभावित वृद्धि में गतिरोध बना रहेगा जबकि क्षेत्रीय मानकों के हिसाब से मुद्रास्फीति उच्च स्तर पर बनी रहेगी।’’ आईएमएफ ने कहा है कि चीन, भारत और अन्य उभरती एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में मध्यकालिक वृद्धि की संभावनायें क्षेत्र में हाल ही में चर्चा का केन्द्र रहीं हैं। रिपोर्ट में कहा गया है ‘‘वैश्विक वित्तीय संकट के बाद से चीन और भारत में वृद्धि कम हुई है।’’
मुद्रास्फीति के मामले में आईएमएफ ने कहा समूचे एशिया में 2012 के दौरान प्रमुख मुद्रास्फीति धीमी रही, कई मामलों में तो यह करीब 2 प्रतिशत अंक तक नीचे रही। ‘‘.. लेकिन इसमें भारत, इंडानेशिया और कुछ हद तक थाइलैंड विशेषतौर से अलग रहे।’’ रिपोर्ट के अनुसार जिन देशों में मुद्रास्फीति का दबाव बना रहा है, उनमें मुद्रास्फीति को लेकर सतर्कता बरतने से दीर्घकाल में लाभकारी रहेगा। ‘‘उदाहरण के तौर पर भारत में मौद्रिक नीति से आर्थिक वृद्धि को तभी सहारा मिल सकता है जब मुद्रास्फीति को स्पष्ट तौर पर गिरावट के रख में रखा जाये।’’ (एजेंसी)
First Published: Monday, April 29, 2013, 21:33