Last Updated: Tuesday, April 16, 2013, 15:29

नई दिल्ली : निवेश बैंक नोमुरा के की राय में रिजर्व बैंक द्वारा तीन मई को पेश किए जाने वाले वाषिर्क ऋण एवं मौद्रिक नीति वक्तव्य में अल्पकालिक नीतिगत ब्याज दर (रेपो) में 0.25 फीसद कटौती की 80 फीसद संभावना है लेकिन इसे अभी से ‘तय बात’ नहीं कहा जा सकता।
नोमुरा ने अपनी एक ताजा रपट में कहा है, ‘आर्थिक वृद्धि में नरमी और मुद्रास्फीति में कमी के मद्देनजर हमारा मानना है कि रेपो में कटौती की संभावना है लेकिन अभी कुछ तय नहीं माना जा सकता है। 80 फीसद संभावना है कि आरबीआई तीन मई को लंबे अंतराल के बाद रेपो दर में 0.25 फीसद की कटौती करे।’
थोक मुद्रास्फीति मुद्रास्फीति मार्च में तेजी से गिर कर 5.96 फीसद पर आ गई। इसके अलावा सोना समेत अन्य जिसों की कीमत में गिरावट भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए वरदान है और इससे थोकमूल्य आधारित मुद्रास्फीति पर नियंत्रण में मदद मिलेगी और आने वाले महीने में तेल एवं सोने के आयात खर्च में भी कमी आएगी।
नोमुरा ने कहा कि वैसे तो जिंसों की कम कीमत अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी है पर यह आधारभूत आर्थिक सुधारों की जगह नहीं ले सकती। भारत में खाद्य मुद्रास्फीति और आपूर्ति की कमी बुनियादी दिक्कतों के कारण है। इसे ब्याज दर कम कर के दूर नहीं किया जा सकता। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 16, 2013, 15:29