Last Updated: Tuesday, September 27, 2011, 08:29
हरारे. विश्वभर में फुटबॉल के खेल पर नजर रखने वाली महासंघ के प्रमुख क्रिस एटन का कहना है कि मैच फिक्सिंग में शामिल खिलाड़ी और अधिकारी यदि अपना अपराध स्वीकार कर लें तो उन्हें कम सजा दी जा सकती है.
क्रिस पिछले दिनों जिम्बाब्वे के दौरे पर थे जहां फुटबॉल और खिलाड़ी भ्रष्टाचार के आरोपों से त्रस्त है. उन्होंने वादा किया कि मैच फिक्सिंग का दोषी पाए जाने वालों की सजा को लेकर फैसला लेते समय उनकी स्वीकारोक्ति को ध्यान में रखा जाएगा.
क्रिस का कहना था कि यह क्षमा नहीं है लेकिन तथ्य यह है कि आपका अभी आगे आने वाले खेल के लिए यह बड़ी मदद हो सकती है. जिम्बाब्वे के खिलाड़ियों ने स्वीकार किया है कि 2009 में एशिया में खेले गए मुकाबलों में हारने के लिए उन्हें पैसा दिया गया था. जिम्बाब्वे उस दौरान जार्डन से 0-2, थाईलैंड से 0-3 और सीरिया से 0-6 से हार गया था.
अंतर्राष्ट्रीय पुलिस सेवा के 40 वर्षीय सदस्य क्रिस ने संवाददाताओं से कहा कि वह जिम्बाब्वे फुटबाल संघ की मैच फिक्सिंग पर 160 पेज की रिपोर्ट के सभी पहलुओं की जांच करेंगे. उन्होंने कहा कि फुटबाल को अपनी विश्वसनीयता पर हमले का सामना करना है.
वहीं जिम्बाब्वे में फुटबॉल संघ के अधिकारी एलियट कासू ने कहा कि राष्ट्रीय संघ के पास दोषी खिलाड़ियों और अधिकारियों के खिलाफ केवल अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की शक्ति है लेकिन पुलिस और भ्रष्टाचार निरोधक अधिकारी रिपोर्ट में बताए गए संभावित आपराधिक आरोपों पर गौर कर रहे हैं. जांचकर्ताओं के अनुसार, सट्टेबाजों ने एशिया में 2007 से 2009 के बीच खेले गए 15 मैचों में जिम्बाब्वे के खिलाड़ियों को हर मैच के लिए 50 हजार डालर दिये थे.
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 27, 2011, 16:23