'रणजी का सेमीफाइनल यादगार क्षण' - Zee News हिंदी

'रणजी का सेमीफाइनल यादगार क्षण'




मुंबई : सचिन तेंदुलकर ने 1999-2000 सत्र में मुंबई की तमिलनाडु के खिलाफ सेमीफाइनल की जीत को रणजी ट्रॉफी के अपने 33 मैचों में सबसे यादगार क्षण करार दिया।

 

तेंदुलकर ने कहा, हम 484 रन का पीछा कर रहे थे और मजेदार बात यह थी जब हमें 42 रन बनाने थे तब हमारे केवल दो विकेट बचे हुए थे। मैंने वे 42 रन बनाए तथा दसवें और 11वें नंबर के दोनों बल्लेबाज ने खाता नहीं खोला। वह मुकाबला बेहद कड़ा था। मुझे नहीं पता था कि उन दोनों बल्लेबाजों ने एक भी रन नहीं बनाया।

 

उन्होंने क्रिकेट बोर्ड की वेबसाइट बीसीसीआई टीवी से कहा, जब हमने विजयी रन बनाया तो मेरी प्रतिक्रिया ने सारी कहानी बयां कर दी थी। वह मेरा सबसे यादगार क्षण था। तेंदुलकर ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए उस मैच में 234 गेंद पर पांच छक्कों और 21 चौकों की मदद से नाबाद 233 रन बनाए थे। संयोग से मुंबई ने फाइनल भी इसी मैदान पर हैदराबाद से खेला था और 297 रन से जीत दर्ज करके खिताब जीता था। तेंदुलकर ने उस मैच में 53 और 128 रन बनाये थे। इस स्टार बल्लेबाज ने युवा क्रिकेटरों के विकास में राष्ट्रीय चैंपियनशिप के महत्व पर भी जोर दिया। (एजेंसी)

 

 

First Published: Thursday, November 3, 2011, 19:12

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