Last Updated: Monday, May 7, 2012, 15:13
लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनउ पीठ ने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के राज्यसभा में मनोनयन की वैधता को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर 18 मई को केन्द्र सरकार को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं।
न्यायमूर्ति उमानाथ सिंह एवं न्यायमूर्ति वीरेन्द्र कुमार दीक्षित की पीठ ने यह आदेश आज स्थानीय वकील अशोक पाण्डेय की जनहित याचिका पर दिया।
याची ने सचिन के राज्यसभा में मनोनयन को रद्द किये जाने का आग्रह किया है। याची का कहना है कि इस क्रिकेट खिलाड़ी का केन्द्र सरकार द्वारा संसद के उच्च सदन के लिये मनोनयन किया जाना संविधान की मंशा के खिलाफ है।
उधर, केन्द्र सरकार की तरफ से अपर सॉलीसिटर जनरल अशोक निगम ने याचिका का विरोध किया। अदालत ने निगम को याचिका की बाबत केन्द्र सरकार से निर्देश (जानकारी) प्राप्त करके 18 मई को अपना पक्ष प्रस्तुत करने को कहा है। (एजेंसी)
First Published: Monday, May 7, 2012, 20:45