बजट से वेतनभोगियों की उम्मीदें--Budget 2013-14: What salaried class expects

बजट से वेतनभोगियों की उम्मीदें

बजट से वेतनभोगियों की उम्मीदेंरामानुज सिंह
केंद्रीय बजट 2013-2014 की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। सभी महत्वपूर्ण सेक्टर के कर्मचारियों को अपने लिए वित्त मंत्री पी चिदंबरम से बहुत सारी उम्मीदें हैं। यहां वेतनभोगियों की कुछ प्रमुख मांगों की सूची है।

आयकर सीमा में छूट
जिस तरह से दिन-प्रतिदन महंगाई नई उंचाई छू रही है, उस हिसाब से टैक्स फ्री आय के स्लैब में बढ़ोतरी नहीं की गई है। वर्तमान में आयकर सीमा में छूट दो लाख रूपए तक है। जिसे बढ़ाकर तीन लाख रुपए किया जाना चाहिए। महिलाओं के लिए यह सीमा 3.5 लाख रुपए होना चाहिए। आयकर सीमा वृद्धि से लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी और मांग प्रोत्साहित होगा।

80(सी) के तहत टैक्स में छूट की वृद्धि
वर्तमान में धारा 80(सी) के तहत कटौती, जो बचत पर टैक्स छूट अधिकतम एक लाख रूपए तक देता है। इस सीमा को बढ़ाकर तीन लाख रुपए तक किया जाना चाहिए ताकि बचत को और प्रोत्साहान मिल सके।

होम लोन पर ब्याज में छूट
कुछ समय से रियल्टी क्षेत्र बेहतर नहीं कर रहा है इसलिए सरकार को इस सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए निवेश करना चाहिए। जो अर्थव्यवस्था को और मजबूती देगा। वर्तमान में ब्याज भुगतान में 1.5 लाख रूपए तक छूट है। जिस बढ़ाकर 3 लाख रूपए किया जाना चाहिए।

होम लोन पर मूल राशि पर भुगतान
प्रमुख लोन राशि के लिए अभी बहुत व्यापक सेक्शन है जिसके लिए एक अलग प्रावधान किया जाना चाहिए। जिसे वर्तमान धारा 80 सी में शामिल किया जाना चाहिए। (जिसके अंतर्गत समावेशी अधिकतम सीमा एक लाख रूपए है)

बैंक बचत खाते पर ब्याज
फिछले साल सरकार ने घोषणा की थी कि बैंक बचत खाते (पोस्ट ऑफिस, कोपरेटिव बैंक, बैंक खाता) पर 10 हजार रुपए तक टैक्स नहीं लगेगा। बढ़ती महंगाई को देखते हुए यह सीमा बढ़ाकर 20 हजार रुपए किया जाना चाहिए।

ट्रांसपोर्ट भत्ता
कर्मचारियों के कंपनियों द्वारा घर से ऑफिस जाने के लिए वाहन भत्ता के रूप में अब तक 800 रूपए प्रति माह टैक्स फ्री दिया जाता है। यह सीमा करीब एक दशक पहले तय की गई थी। अब इसमें सुधार की आवश्यकता है इस सीमा को बढ़ाकर कम से कम 3000 रूपए किया जाना चाहिए।

सालाना मेडिकल इश्योरेंस
मेडिकल खर्च में कटौती, जो वर्तमान में 15000 रुपए प्रति वर्ष के स्तर पर बना हुआ है। जिसे बढ़ाकर 50000 रूपए किया जाना चाहिए। जिसमें 14 साल से संशोधन नहीं किया गया है। तब से मेडिकल पर खर्च कई गुना बढ़ गया है।

इक्विटी योजना का शुभारंभ
सरकार को राजीव गांधी बचत योजना को संशोधित करना चाहिए और आगामी बजट में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बेहतर इक्विटी बचत योजना लाना चाहिए। राजीव गांधी बचत योजाना 2012-13 में घोषणा की गई थी। उसमें पहली बार शेयर बाजार में निवेश करने वालों को टैक्स लाभ दिया जाना चाहिए।

महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को छूट
टैक्स छूट में महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को और अधिक टैक्स छूट देना चाहिए। कर्मचारियों के पीएफ फंड पर ब्याज बढ़ाकर 12 प्रतिशत किया जाना चाहिए।

First Published: Tuesday, February 19, 2013, 17:17

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