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बिहार: गांव-गांव में नमो-नमो

Last Updated: Saturday, April 12, 2014, 13:15

तमाम विरोधी हमलों के बावजूद भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। शहरी मतदाताओं और व्यापारियों तक सीमित रहने वाली भाजपा का कारवां अब गांव-गांव पहुंच गया है। किसानों, मजदूरों और ग्रामीण युवकों के बीच इस लोकसभा चुनाव में नमो मंत्र का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है।

'आम आदमी' ने रोका भाजपा का चौका

Last Updated: Monday, December 9, 2013, 18:49

भाजपा देश की राजधानी दिल्ली में बहुमत का जादुई आकंड़ा छूने में सफल नहीं हो सकी। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर एक साल पहले बनी अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने भाजपा को चौका लगाने से रोक दिया। भाजपा बहुमत के लिए जरूरी 36 सीटों से पीछे रह गई। हालांकि दिल्ली में 32 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल रूप में उभरने में सफल रही।

फैंस की उम्मीदों पर खरे उतर पाएंगे सचिन तेंदुलकर?

Last Updated: Wednesday, December 11, 2013, 23:35

अंतिम टेस्ट सीरीज के पहले मैच को लेकर सचिन के फैंस और बीसीसीआई काफी उत्साहित हैं। वे इस विदाई सीरीज को यादगार बनाने के लिए कोई कसर छोड़ना नहीं चाहते हैं। लेकिन बड़ा सवाल ये कि क्या सचिन आज अपने प्रशंसकों को अपने खेल का वो रंग दिखा पाएंगे जिसकी उनसे उम्मीद की जा रही है?

नहीं भा रहा है फॉर्मूला वन का रोमांच

Last Updated: Saturday, October 26, 2013, 08:29

क्रिकेट के देश में रफ्तार का रोमांच नाम से मशहूर फॉर्मूला वन रेस का यह तीसरा सीजन है। पर भारत में इसकी लोकप्रियता का ग्राफ ऊपर चढ़ने के बजाय नीचे की ओर गिरता जा रहा है।

गांधी का अहिंसा धर्म आज भी प्रासंगिक

Last Updated: Wednesday, October 2, 2013, 14:00

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में पिछले महीने सांप्रदायिक सद्भाव खंड-खंड हो गया। समाज के दो कौम एक मामले को लेकर जिसे आसानी सुलझाया जा सकता था एक-दूसरे के रक्त पिपासु हो गए। इस हिंसा ने समाज में सौहार्द बनाए रखने के लिए एक और गांधी की अवश्यकता महसूस कराई।

शिक्षा का निजीकरण और गुरु-शिष्य संबंध

Last Updated: Wednesday, September 4, 2013, 20:15

हर साल की तरह इस बार भी 5 सितंबर शिक्षक दिवस से रूप में मनाया जा रहा है। गुरु और शिष्य के रिश्तों का यह पर्व अब अपनी चमक खोता जा रहा है। इस रिश्तों पर बाजारवाद ने कड़ा प्रहार किया है जिससे शिष्य का गुरु के प्रति सम्मान और गुरु का शिष्यों के लिए समर्पण खत्म होता जा रहा है। इसकी मुख्य वजह शिक्षा का निजीकरण है।

नेता, सत्ता और 'सेक्स'

Last Updated: Wednesday, July 17, 2013, 18:35

जब नेता सत्ता पर काबिज होते हैं, उनमें से कुछ एक सत्ता का दुरुपयोग कर अकूत संपत्ति इकट्ठा कर लेते हैं। इस अवैध संपत्ति से अपनी जरूरतों को पूरा करने के बाद उनका ध्यान विलासिता और अय्याशी की ओर जाता है। अय्याशी में सेक्स का भी महत्वपूर्ण स्थान है जिसकी पूर्ति के लिए अपने धन और सत्ता का बेजा इस्तेमाल करते हैं। पैसा और सत्ता के बल पर इस अय्याशी में शामिल होने वाले नेताओं की कमी नहीं है।

खलनायकी में बसता था प्राण का `प्राण`

Last Updated: Saturday, July 13, 2013, 14:28

भारतीय सिने जगत में प्राण एक ऐसे खलनायक थे जिन्होंने 50 और 70 के दशक के बीच फिल्म उद्योग पर खलनायकी के क्षेत्र में एकछत्र राज किया और अपने अभिनय का लोहा मनवाया। प्राण के स्वाभाविक अभिनय और प्रतिभा की पराकाष्ठा ही थी कि 70-80 के दशक में लोगों ने अपने बच्चों का नाम प्राण रखना बंद कर दिया था।

मुकद्दर का सिकंदर हैं महेंद्र सिंह धोनी

Last Updated: Saturday, July 13, 2013, 14:30

बहुत कम लोग हैं जो अपनी जिंदगी में उन ऊंचाइयों को छू पाता है जिसकी वह कल्पना करता है। लेकिन टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी उन सूरमाओं में आते हैं जिन्होंने मुकद्दर पर सिकंदर की तरह विजय पाई है।

उत्तराखंड त्रासदी इंसानी लालच पर चोट

Last Updated: Sunday, June 23, 2013, 11:39

उत्तराखंड में प्रकृति का कहर एक तरह से इंसानी लालच पर गहरा चोट है। प्रकृति ने इस आपदा के माध्यम से इंसान को आगाह किया है कि अब भी वक्त है, प्रकृति के विरुद्ध विकास की इंसानी लालच पर अब भी विराम नहीं लगाया गया तो आने वाले कुछ वर्षों में इससे बड़ा जल प्रलय आ सकता है।

घोटालों के बीच यूपीए-2 का रिपोर्ट कार्ड

Last Updated: Thursday, May 23, 2013, 20:48

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 22 मई को यूपीए-2 सरकार के चार साल पूरे होने के उपलक्ष्य में सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि देश की अथर्व्यवस्था पटरी पर लौट आई है। लेकिन प्रधानमंत्री ने इस रिपोर्ट कार्ड में अपने शासनकाल में हुए घोटालों का जिक्र करना मुनासिब नहीं समझा।

क्रिकेट और फिक्सिंग का है नाता पुराना

Last Updated: Saturday, May 18, 2013, 15:04

रेलगेट और कोलगेट के चलते हाल के दिनों में भारतीय राजनीति में भूचाल थमा नहीं था कि क्रिकेट के दंगल आईपीएल में भ्रष्टाचार उजागर हो गया। जिस तरह भारतीय राजनीति जीप घोटाले से लेकर 2जी घोटाला, कॉमनवेल्थ घोटाला, कोयला घोटाला और रेल घोटाला से यदाकदा कलंकित होती रही है। उसी तरह क्रिकेट के दामन पर भी दाग लगते रहे हैं।

मैदान के बाहर भी हिट हैं सचिन तेंदुलकर

Last Updated: Wednesday, April 24, 2013, 10:14

क्रिकेट के भगवान सचिन रमेश तेंदुलकर अपनी जिंदगी के 40 बसंत बिता चुके हैं। अपने 24 साल के क्रिकेट करियर में सचिन ने वो मुकाम हासिल किया है जो शायद ही किसी के लिए वहां तक पहुंचना मुमकिन हो।

आईपीएल: क्रिकेट, पैसा और तमाशा का संगम

Last Updated: Saturday, April 6, 2013, 21:06

इस फटाफट क्रिकेट में सिर्फ छक्के चौके ही देखने को नहीं मिलते बल्कि क्रिकेट के साथ-साथ संगीत और डांस का भरपूर आनंद भी मिलता है। वहीं खिलाड़ियों को पैसे कमाने का सबसे सुलभ अवसर भी मिलता है। जिस खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम में अवसर नहीं मिल पाता है, उसे इसके जरिए पैसा और नाम कमाने का बेहतरीन अवसर मिलता है। इसलिए आईपीएल को क्रिकेट, पैसा और मनोरंजन का संगम कहना कोई अतिश्योक्ति नहीं है।

अरविंद केजरीवाल से हुआ मोहभंग ?

Last Updated: Sunday, March 31, 2013, 16:22

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सुंदरनगरी इलाके में शहीदे आजम भगत सिंह के शहादत दिवस 23 मार्च से बिजली और पानी के बढ़े बिलों को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन पर डटे हुए हैं। उन्होंने बिजली और पानी के बढ़े बिल का भुगतान न करने की अपील की है और लोगों का आह्वान किया है कि वे बढ़े हुए बिलों की खिलाफत करें। अनशन के पहले दिन लोगों ने दिलचस्पी दिखाई। लेकिन अनशन ज्यो-ज्यों आगे बढ़ा लोगों की अपेक्षित भीड़ नहीं जुट पाई। ऐसा लगता है कि केजरीवाल से भी लोगों की उम्मीदें खत्म हो रही हैं।

बजट से वेतनभोगियों की उम्मीदें

Last Updated: Monday, February 25, 2013, 17:59

केंद्रीय बजट 2013-2014 की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। सभी महत्वपूर्ण सेक्टर के कर्मचारियों को अपने लिए वित्त मंत्री पी चिदंबरम से बहुत सारी उम्मीदें हैं। यहां वेतनभोगियों की कुछ प्रमुख मांगों की सूची है।

रेल बजट : पटरी पर लौटेगी रेल?

Last Updated: Monday, February 25, 2013, 17:53

भारतीय जनमानस की जीवन रेखा कही जाने वाली भारतीय रेल को लेकर एक बार फिर लोगों के मन में सवाल उठने शुरू हो गए हैं। क्या आगामी रेल बजट में रेलवे प्रबंधन उसी घिसी-पिटी राहों पर चलेगी या फिर उसमें कुछ सुधार की कवायद भी होगी।

हैप्पी वैलेंटाइन यानी प्यार का अहसास

Last Updated: Wednesday, February 13, 2013, 23:50

प्यार एक अहसास है। अगर आप अहसास को जीते हैं तभी आप किसी से प्यार कर पाएंगे। सामाजिक जीवन का कोई भी रिश्ता हो, प्यार और विश्वास के सहारे ही फलते-फूलते हैं। आज के परिवेश में दिखावे का प्रभुत्व बढ़ता जा रहा है, अहसास नाम की हस्ती मिटती जा रही है। यही वजह है कि प्यार और विश्वास की डोर लगातार कमजोर होती जा रही है।

दाखिले से वंचित होता गरीब तबका

Last Updated: Monday, February 4, 2013, 16:05

शिक्षा के क्षेत्र में निजीकरण और बाजारवाद आम बच्चों को शिक्षा की पहुंच से धीरे-धीरे दूर करता जा रहा है। खासकर गरीब तबका तो पूरी तरह वंचित सा हो गया है।

अगर भारत का पाक से युद्ध हुआ तो...

Last Updated: Saturday, February 9, 2013, 20:50

अगर पाकिस्तान इसी तरह से संघर्ष विराम का लगातार उल्लंघन करता रहा तो फिर भारत को इसका कड़ा जवाब देना पड़ेगा और देना भी चाहिए। लेकिन अगर दोनों देशों के बीच युद्ध के हालात पैदा हुए तो भारत को भी यह देखना होगा कि देश के आंतरिक हालात व वैश्विक स्तर पर माहौल कितने माकूल हैं।

क्रिकेट के भगवान की एक पारी का अंत

Last Updated: Saturday, February 9, 2013, 20:52

भारतीय क्रिकेट जब जब संकट के दौर से गुजरा, संकट से उबारने के लिए सचिन रमेश तेंदुलकर के रूप में भगवान ने अवतार लिया। सचिन तेंदुलकर ने भारतीय क्रिकेट को एक नई ऊंचाई दी। आज क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने अपने क्रिकेट करियर की एक पारी की समाप्ति की घोषणा करते हुए वनडे क्रिकेट को संन्यास ले लिया।

महंगाई-भ्रष्टाचार नहीं बना चुनावी मुद्दा

Last Updated: Saturday, February 9, 2013, 20:53

देश भर में महंगाई और भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस और यूपीए सरकार के खिलाफ करीब दो साल से कई बड़े-बड़े आंदोलन हुए। पिछले साल 16 अगस्त को अन्ना के जन लोकपाल आंदोलन ने पूरे देश में भूचाल ला दिया था। देश के हर कोने में जनता सड़कों पर उतर आई थी लेकिन चुनावी राजनीति में इसका कहीं भी कोई असर नहीं देखा गया। इसी परिदृश्य के बीच गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव सम्पन्न हुए। उम्मीदों पर खड़े उतरते हुए नरेंद्र मोदी ने गुजरात में जीत की हैट्रिक बनाई और हिमाचल प्रदेश में भ्रष्टाचार के आरोपी वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस ने भाजपा को पटखनी देकर सत्ता हथिया ली। गुजरात में नरेंद्र मोदी की जीत तो समझ में आती है लेकिन अगर देश में महंगाई और भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों में गुस्सा होता तो हिमाचल में कांग्रेस सत्ता में नहीं आती।

धोनी को चांद चाहिए तो...

Last Updated: Saturday, February 9, 2013, 20:55

जिंदगी के हर पड़ाव पर जब चांद की बड़ी महत्ता है तो क्रिकेट इससे कैसे अछूता रह सकता है। धोनी ने ईडन गार्डन की टर्निंग पिच बनाने को कहा। पिच क्यूरेटर प्रबीर मुखर्जी ने इसपर आपत्ति जताई तो बीसीसीआई ने आशीष भौमिक को इस काम के लिए भेज दिया। इससे नाराज प्रबीर ने कहा, ‘धोनी को अगर चांद चाहिए तो चांद लाकर दिया जाएगा?

आम आदमी को संतुष्ट कर पाएंगे केजरीवाल?

Last Updated: Saturday, February 9, 2013, 20:56

करीब डेढ़ साल से भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकपाल को लेकर देश भर में आंदोलन की हवा तैयार करने वाले केजरीवाल जनता के लिए तमाम राजनीतिक पार्टियों के मुकाबले एक विकल्प देने के उद्देश्य से राजनीति के मैदान में उतरे हैं ताकि संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकार आम जन तक सही तरीके से पहुंच सके। क्या केजरीवाल सवा अरब की आबादी को संतुष्ट कर पाएंगे? उनका स्वराज धरातल पर उतर पाएगा?

क्रिकेट है भारत-पाक संबंधों की कड़ी

Last Updated: Saturday, February 9, 2013, 20:58

क्रिकेट भारत और पाकिस्तान में खेल नहीं, एक धर्म है। यह पूरे देश को एक सूत्र में बांधता है, जाति-धर्म से उपर उठकर राष्ट्रीय धर्म को विकसित करता है। इसी तरह क्रिकेट भारत और पाकिस्तान के लोगों के बीच भी प्यार और भाईचारे की कड़ी बन सकता है।

नीतीश कुमार का घटता जनाधार

Last Updated: Saturday, February 9, 2013, 21:00

कुछ वर्षों से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम प्रदेश के विकास पुरुष के रूप में देश में ही नहीं विदेशों में भी चर्चित रहा है। इतना ही नहीं इन्हें सुशासन का प्रणेता भी कहा गया। न्याय यात्रा, धन्यवाद यात्रा, विकास यात्रा, विश्वास यात्रा, प्रवास यात्रा और सेवा यात्रा करने के बाद जब नीतीश कुमार अधिकार यात्रा पर निकले तो प्रदेश के जिस-जिस जिले में गए वहां जनता के विरोध का सामना करना पड़ा। फलस्वरुप उन्हें यात्रा स्थगित करनी पड़ी। ऐसा माना जा रहा है कि नीतीश सरकार का जनाधार अब घट रहा है।

अन्ना हजारे की सबसे बड़ी भूल

Last Updated: Saturday, February 9, 2013, 21:01

अन्ना सही मायने में जनता का हित चाहते हैं तो आम चुनाव लड़कर देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद में जाकर जनहित का कानून बनाएं। जिससे जनता को सही हक मिल सके। अगर वो ऐसा नहीं करते तो यह उनकी सबसे बड़ी भूल है क्योंकि आंदोलन और अनशन से सिर्फ जनता को जगाया जा सकता है पर उसका अधिकार नहीं दिया जा सकता।

राज की अनर्गल बयानबाजी में पिसता आम आदमी

Last Updated: Saturday, February 9, 2013, 21:02

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच एक बार फिर वाकयुद्ध छिड़ गया है। राज ठाकरे ने कहा, बिहारियों को महाराष्ट्र से खदेड़ देंगे तो इस पर नीतीश ने कहा कि ऐसी बंदर-घुड़की से कोई डरने वाला नहीं है, जहां कहीं भी बिहार के लोग हैं वे अपने को सुरक्षित महसूस करें। इस बयानबाजी के चलते एक राज्य छोड़कर दूसरे राज्य में नौकरी-पेशा करने वालों के बीच भय का माहौल बन जाता है। कई बार तो नेताओं की इस तरह की बयानबाजी हिंसा का रुप ले लेती है।

महंगाई पर बेनी के बयान की सार्थकता

Last Updated: Saturday, February 9, 2013, 21:03

पहली बार किसी केंद्रीय मंत्री ने किसानों के हितों के बारे बोला तो बवाल मचने लगा। मीडिया से लेकर राजनीतिक हलकों में बढ़ती महंगाई पर बेनी के बयान की थू-थू हो रही है। भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, जदयू समेत सभी विपक्षी पार्टियां बेनी के महंगाई पर दिये गए बयान को जनविरोधी बता रहे हैं। जबकि कांग्रेस के दूसरे नेता चुप्पी साधे हुए हैं। हां, बेनी ने महंगाई पर जो बयान दिया उसमें थोड़ी स्पष्टता की कमी है। उन्होंने कृषि उत्पादों की कीमत बढ़ने को तो सही ठहराया पर उन्होंने यह नहीं कहा कि कीमत कब बढ़नी चाहिए कब नहीं।

लक्ष्मण ने रोका था ऑस्ट्रेलिया का विजय रथ

Last Updated: Saturday, February 9, 2013, 21:05

भारतीय क्रिकेट का कोहिनूर हीरा, कलाई के कमाल से बेहतरीन शॉट लगाने वाले वीवीएस लक्ष्मण ने ऑस्ट्रलिया के खिलाफ 281 रनों की यादगार पारी खेली। इतना ही नहीं द वॉल राहुल द्रविड़ के साथ मिलकर 376 रनों की साझेदारी की। पहली पारी में पिछड़ने के बावजूद भी लक्ष्मण के बदौलत टीम इंडिया ने 171 रनों से यह टेस्ट जीता और ऑस्ट्रेलिया की लगातार जीत के सिलसिले पर विराम लगा दिया।

आखिर कब तक द्रोपदी का चीर हरण?

Last Updated: Saturday, February 9, 2013, 21:06

विज्ञान और तकनीकी युग में जी रहा समाज किशोरियों, युवतियों और महिलाओं के प्रति अमानवीय सोच में आखिर कब बदलाव लाएगा? मानव समाज स्त्री और पुरुष से मिलकर बना है यानी समाज की अभिन्न अंग हैं स्त्रियां। जितना ध्यान पुरुषों का रखा जाता है उतना ही स्त्रियों का रखा जाना चाहिए। हर क्षेत्र में स्त्रियों को समान अधिकार दिया जाना चाहिए।