सोना : निवेश के साथ बरकत भी - Zee News हिंदी

सोना : निवेश के साथ बरकत भी

संजीव कुमार दुबे


सोना...एक ऐसी कुदरती चीज जो भला किसको नहीं भाता। कहते हैं इसी सोने की वजह से देश और दुनिया के कई दूसरे मुल्कों में कई युद्ध लड़े गए। खून की नदियां बहीं। इतिहास इस बात की भी तस्दीक करता है कि जब भारत पर मुगलों का आक्रमण हुआ तो औरंगजेब समेत कई मुगल शासकों ने सोना समेत कई खजानों को बुरी तरह लूटा और उसे अपने साथ ले गए।


 


लेकिन सोने से जुड़े ऐसे कई पहलू भी हैं जिसकी वजह से यह सदियों से खुद को सुर्खियों में ला खड़ा करता है। पुराने जमाने से ही सोना पारिवारिक प्रतिष्ठा और मान-मर्यादा का प्रतीक माना जाता है। लड़की की शादी के वक्त उसे सोने के जेवरात देकर विदा किया जाता है। दरअसल, हिंदू धर्म में पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक सोना लक्ष्मी का रूप माना जाता है। यह कहा जाता है कि लक्ष्मी का रुपए-पैसे के अलावा सोने में वास होता है और जिसके पास सोना रहता है उसके पास लक्ष्मी हमेशा के लिए टिककर उसे धनवान बनाती हैं।


 


आज की तारीख में सोने ने बाजार में खुद को सबसे ऊपर ला खड़ा किया है। जहां सेंसेक्स बाजार में 20 हजार के आंकड़े को फिर से छूने को तरस रहा है वहीं सोना 25 हजार के आंकड़े को पार कर 30 हजार के स्तर को छूने को बेताब है। सोने के भाव ने आसमान में लंबी छलांग लगाई है और सोने में निवेशक दिनो-दिन मालामाल हो रहे हैं।। अक्टूबर 2005 को सोना 6890 रुपए प्रति 10 ग्राम के भाव पर था। अक्टूबर 2008  को लंबी छलांग लगाई और भाव 13590 रुपए के भाव पर जा पहुंचा।


 


आसमानी छलांग का सिलसिला तब से जारी रहा और अक्टूबर 2010 में यह 20 हजार के करीब यानी 19750 रुपए प्रति 10 ग्राम के भाव पर पहुंच गया। 21 अक्टूबर के भाव के मुताबिक सोना 26940 रुपए था और माना जा रहा है कि जल्दी ही यह 30 हजार के आंकड़े को पार कर जाएगा।


 


सोना और हीरे की तुलना करें तो एक बात तो साफ है कि हीरा सोने से बहुत मूल्यवान है, लेकिन निवेश के लिहाज से देखें तो सोना हीरे से कहीं बेहतर है। एक पुरानी कहावत भी है कि हीरे की परख सिर्फ जौहरी को होती है। यदि आप हीरे में निवेश करते भी हैं तो कीमत कोई जौहरी ही तय करेगा। और ऐसे परिस्थिति में हीरे में निवेश आपके लिए घाटे का सौदा हो सकता है। सोने के निवेश की बात करें तो इसका बाजार भाव आपको पता होता है। आपको पता होता है कि इसे बेचने पर कितना पैसा मिलेगा और सोने को बेचना आसान भी है। इसलिए हीरे से ज्यादा भरोसे के काबिल है सोना।


 


एक अनुमान के अनुसार अगले 10 वर्षों में देश में 15 करोड़ शादियां होंगी और इस दौरान 500 टन सोना उपहार के रूप में दिया जाएगा। पिछले एक दशक में सोने के दामों में तेजी के बावजूद भारत में 25 फीसदी की दर से मांग बढ़ रही है। अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत में 2020 तक सोने की मांग 1200 टन सालाना की हो जाएगी। आज के भाव के हिसाब से यह ढाई लाख करोड़ रुपए के बराबर है। वैसे दुनिया में सोने की कुल मांग का 2010 में 32 फीसदी सोना भारत आया था।दुनिया के किसी भी हिस्से के मुकाबले सोने के जेवरात सबसे ज्यादा भारत में बनते हैं।


 


देश में जेवर के रूप में सबसे ज्यादा बिकने वाला धातु सोना ही है। हालांकि निवेश के लिए सोना जेवर के अलावा भी खरीदना चाहिए। इसलिए लोग सोने की गिन्नियां खरीदते हैं जो सिक्कों के रूप में ढले होते हैं।  हिंदू धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, सोना परिवार में सुख, शांति और समृद्धि लाता है। इसलिए दिवाली पर्व के साथ अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।


 


ऐसी मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने का मतलब लक्ष्मी को अपने घर में प्रतिष्ठित करना होता है। मां लक्ष्मी के दो स्वभाव हैं यानी उनके दो रूप है और वह है -चंचला और स्थिरा। जब वह अपने स्वरुप में स्थिर हो जाती है तो उस घर में धन-धान्य की वर्षा होने लगती है। इसके विपरीत जब लक्ष्मी अपने चंचल स्वरुप को धारण करती है तो वह चलायमान हो जाती हैं अर्थात उस घर से चली जाती है अर्थात उस घर में आर्थिक बदहाली छा जाती है।


 


इसलिए ऐसी मान्यता है कि लक्ष्मी को स्थिर होना चाहिए ताकी घर में बरकत और खुशहाली की सदैव बारिश होती रहे। सोने के प्रति ज्योतिषियों का मानना है कि सोना के होने से घर में शुभ कारकों का उदय होता है जो परिवार में खुशहाली का जरिया बनते हैं। इसलिए सोना रखने के साथ पहनना भी चाहिए। सोना महिलाएं तो आभूषण के रूप में धारण करती ही हैं लेकिन ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक, पुरुषों को भी सोने की एक चीज अपने शरीर में जरूर धारण करना चाहिए। साथ ही अगर अपने आराध्य देव के सोने का लॉकेट बनाकर गले में धारण किया जाए तो यह उपाय घर को धन-धान्य से परिपूर्ण कर देता है।


 


कह सकते हैं कि सोना ना सिर्फ आध्यात्मिक बल्कि व्यावहारिक कारणों से भी अपनी महत्ता को दर्शाता है। इसलिए सोने में निवेश चाहे वह किसी भी रूप में हो, आपको खुशहाल तो बना ही देगा। यह उस आधारशिला को रखने में सहायक होगा जब आप अपने घर के वित्तीय ढांचे को सुदृढ़ रख पाने में कामयाब होंगे। जो लोग ऐसा समझते हैं कि वह अपनी परिस्थितियों की वजह से सोने की कोई बड़ी चीज कैसे खरीदें तो उसके सबसे छोटे स्वरुप से भी काम बखूबी चलाया जा सकता है। क्योंकि सोना तो सोना होता है। इस सोने में लक्ष्मीजी जो वास करती हैं।


 


First Published: Thursday, November 3, 2011, 15:59

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