आकाशगंगा समूहों के बीच है डार्कमैटर की विशाल तंतु

आकाशगंगा समूहों के बीच है डार्कमैटर की विशाल तंतु

आकाशगंगा समूहों के बीच है डार्कमैटर की विशाल तंतु
वाशिंगटन : खगोलशास्त्रियों ने पहली बार दो आकाशगंगा समूहों के बीच अदृश्य डार्कमैटर का विशाल तंतु खोजा है। ऐसा माना जाना है कि पूरे ब्रह्मांड का एक बड़ा हिस्सा ऐसे ही डार्कमैटर से बना हुआ है । इसे देखा नहीं जा सकता है। यह ना तो रोशनी का अवशोषण करता है और ना ही किसी प्रकार के विद्युतचुंबकीय तरंगों का उत्सर्जन करता है। इसे सिर्फ इसके गुरूत्व बल के आधार पर पहचाना जा सकता है।

वैज्ञानिकों ने इससे पहले भी कई बार डार्कमैटर फिलामेंट (तंतुओं) को पहचानने की कोशिश की है। ऐसा माना जाता है कि ब्रह्मांड का 98 प्रतिशत हिस्सा डार्कमैटर से बना हुआ है। वैज्ञानिकों ने दो आकाशगंगा समूहों ‘एबेल 222’ और ‘एबेल 223’ के बीच एक विशाल तंतु खोजा है, जो दोनों के बीच एक पुल का निर्माण करता है। यह धरती से 2.7 अरब प्रकाश वर्ष दूर है।

जर्मनी के ‘यूनिवर्सिटी ऑब्जर्वेटरी म्यूनिख’ के खगोलशास्त्री जॉर्ग डेइट्रिच का कहना है कि यह पहली बार है जब डार्कमैटर तंतु को उसके ग्रेविटेशनल लेंसिंग प्रभाव की मदद से खोजा गया है और उस पर कोई विवाद नहीं है। डेइट्रिच ने स्पेस डॉट कॉम को बताया कि यह ब्रह्मांड के निर्माण के मान्य सिद्धांत की पुष्टि करता है। (एजेंसी)

First Published: Friday, July 6, 2012, 08:32

comments powered by Disqus