इस साल मंगल अभियान सहित 5 रॉकेट छोड़े जाएंगे

इस साल मंगल अभियान सहित 5 रॉकेट छोड़े जाएंगे

इस साल मंगल अभियान सहित 5 रॉकेट छोड़े जाएंगेचेन्नई : भारत इस साल पांच रॉकेट अंतरिक्ष में छोड़ेगा। इनमें से एक मंगल अभियान से सम्बंधित होगा, जिसे साल के आखिर में छोड़ा जाएगा। सभी रॉकेट आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा रॉकेट प्रक्षेपण स्थल से छोड़े जाएंगे।

चार रॉकेट जून से दिसम्बर के बीच छोड़े जाएंगे। इनमें से एक रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लांच व्हीकल (जीएसएलवी) से संचार उपग्रह जी-सैट 14 को धरती की कक्षा में भेजा जाएगा। इस रॉकेट में घरेलू क्रायोजेनिक ईंधन का प्रयोग होगा।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 10 से 15 जून के बीच हम पहला नैविगेशन उपग्रह-इंडियन रीजनल नैविगेशन सैटेलाइट सिस्टम-आर1ए (आईआरएनएसएस-आर1ए) का प्रक्षेपण करना चाहते हैं। इसके बाद जुलाई में कभी जी-सैट 14 का प्रक्षेपण किया जाएगा।

अधिकारियों के मुताबिक, रॉकेट प्रक्षेपण केंद्र पर दो रॉकेटों का संयोजन किया जा रहा है। पहले प्रक्षेपण केंद्र पर पोलर सैटेलाइट लांच वेहिकल-एक्सएल (पीएसएलवी-एक्सएल) का संयोजन किया जा रहा है। इससे नैविगेशन उपग्रह का प्रक्षेपण किया जाएगा। सात उपग्रह की योजना के तहत पहली बार आईआरएनएसएस-आर1ए का प्रक्षेपण किया जाएगा, जिससे विभिन्न वर्ग के उपयोगकर्ताओं को किसी भी वक्त स्थिति की जानकारी, नैविगेशन और समय सेवा दी जाएगी। इसके तीन महीने बाद इस श्रंखला का दूसरा उपग्रह अंतरिक्ष में भेजा जाएगा और 2014-15 तक 14 महीने की अवधि में शेष पांच उपग्रहों का भी प्रक्षेपण किया जाएगा। साल के आखिर तक एक दूर संवेदी उपग्रह का भी प्रक्षेपण किया जाएगा।

इस साल फरवरी में भारत ने पीएसएलवी रॉकेट से इंडो-फ्रेंच सरल उपग्रह और छह अन्य छोटे विदेशी उपग्रहों का अंतरिक्ष में प्रक्षेपण किया था। भारत ने वर्ष 1999 से शुल्क लेकर तीसरे पक्ष के उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजने की सेवा देनी शुरू की थी। तब से अब तक भारत ने कई मध्य वजनी उपग्रह विदेशी एजेंसियों के लिए अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किए हैं। (एजेंसी)


First Published: Monday, May 6, 2013, 14:31

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