Last Updated: Monday, July 9, 2012, 10:43
सिडनी : समुद्री बर्फ के तेजी से पिघलने और ग्लोबल वार्मिग के कारण आर्कटिक का तापमान वैश्विक औसत से चार गुना तेजी से बढ़ रहा है। यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न स्कूल ऑफ अर्थ साइंसेज एंड स्टडी के इयान सिमंड्स ने अपने शोध में पाया है कि जमीनी और वायुमण्डली स्तर के इस मिश्रण के कारण आकर्टिक का तापमान तेजी से बढ़ रहा है।
सिमंड्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि समुद्री बर्फ पिघलने से मैदानी तापमान में इजाफा हुआ है, जबकि ग्लोबल वार्मिग ने वायुमंडलीय परिसंचरण को बढ़ाया है। इससे आर्कटिक में तापमान खतरनाक स्तर पर पहुंचने के कगार पर है।
सिमंड्स के साथ शोध में शामिल जेम्स स्क्रीन ने कहा कि जब आर्कटिक गर्म होगा तो यह सूर्य की किरणों को अंतरिक्ष में परावर्तित कर देगा। जब समुद्री बर्फ पिघलती है तो काफी अधिक ताप पानी द्वारा सोंख लिया जाता है। इससे वायुमंडल तेजी से गर्म होता है। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 9, 2012, 10:43