Last Updated: Tuesday, October 25, 2011, 08:57
पेरिस : वैश्विक तापमान में बढोतरी से चीन के हिमालय स्थित ग्लेशियर पिघल रहे हैं। इससे आवास, पर्यटन और आर्थिक विकास पर खतरा उत्पन्न हो रहा है।
एक पर्यावरण अनुसंधान पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम चीन के 111 मौसम केंद्रों में से 77 प्रतिशत केंद्रों ने वर्ष 1961 से 2008 के दौरान तापमान में महत्वपूर्ण बदलाव की ओर इशारा किया है।
अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक, 4,000 मीटर से अधिक की उंचाई पर स्थित कुल 14 निगरानी केंद्रों ने इस दौरान तापमान में 1.73 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की। यह पिछले दशक में वैश्विक औसत बढोतरी से करीब-करीब दोगुना है।
‘चाइनीज एकेडमी ऑफ साइसेंस’ के ली झोंगजिंग की अगुवाई में अध्ययनकर्ताओं ने ग्लेशियर में हुए तीन परिवर्तनों की पहचान की है, जो कि भविष्य में चिंता का कारण बन सकता है। कई ग्लेशियर पीछे की ओर खिसक रहे हैं और साथ ही उसकी मात्रा में भी कमी आ रही है।मसलन, पेंगकुआ बेसिन के 999 ग्लेशियर में 1980 से लेकर 2001 के दौरान 131 वर्ग किलोमीटर इलाके में कमी आई है। इन परिवर्तनकों का कहीं-कहीं पर व्यापक प्रभाव दिख रहा है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 25, 2011, 14:32