हडि्डयों की प्राचीन बीमारी की खोज - Zee News हिंदी

हडि्डयों की प्राचीन बीमारी की खोज




वाशिंगटन : एक नए आनुवांशिक अध्ययन के दौरान एक प्राचीन कंकाल के अवशेषों में हड्डियों में होने वाले ब्रूसेलोसिस संक्रमण के चिह्न देखे गए। ब्रूसेलोसिस संक्रमण के दौरान श्वसन में परेशानी व बुखार की समस्या हो जाती है। संक्रमित मांस खाने या पाश्चरीकृत न किए गए डेयरी उत्पादों के इस्तेमाल या ब्रूसेला बैक्टीरिया युक्त जानवरों के संपर्क में आने से यह संक्रमण होता है। मिशीगन स्टेट विश्वविद्यालय (एमएसयू) के फोरेंसिक साइंस कार्यक्रम के निदेशक व सहायक प्रोफेसर टोड फेंटन ने ब्रूसेलोसिस की मौजूदगी की पुष्टि की है।

 

'अमेरिकन जर्नल ऑफ फिजीकल एंथ्रोपोलॉजी' के मुताबिक फेंटन कहते हैं कि एमएसयू में हुई डीएनए जांच में शोधकर्ताओं ने 1,000 साल पुराने कंकालों में इस बीमारी की मौजूदगी की पुष्टि की है।

 

विश्वविद्यालय द्वारी जारी किए गए एक वक्तव्य के मुताबिक फेंटन ने कहा कि हमें बरसों से इस तरह के रोगों की स्थिति के लिए परिकल्पना गढ़नी पड़ती थी। डीएनए जांच के युग में मेरा काम वास्तव में बहुत उत्साहपूर्ण हो गया है। प्राचीन अल्बानिया के बुट्रिंट शहर में खुदाई कर रहे पुरातत्वविदों के साथ फेंटम व एमएसयू के स्नातक छात्रों का एक समूह हड्डियों के विशेषज्ञों के तौर पर काम कर रहा था। अल्बानिया में यूनानी शासन काल की 10वीं व 13वीं सदी के नर कंकालों की जांच पर शोधकर्ताओं ने पाया कि पुरुष तपेदिक बीमारी से पीड़ित थे।

 

ये प्राचीन नमूने फोरेंसिक जांच के लिए डीएनए प्रयोगशाला में भेजे गए थे, जहां परिणामों में तपेदिक की बीमारी नहीं थी। ब्रूसेलोसिस और तपेदिक से मरीज को एक जैसे ही नुकसान पहुंचते हैं। वैसे अब तक किसी ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि पुरातात्विक स्थल से मानव हड्डी में ब्रूसेलोसिस बीमारी का पता चला है।

(एजेंसी)

First Published: Wednesday, January 4, 2012, 13:59

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