अपने ही लोगों से डरे हुए हैं पुतिन: गोर्बाचेव

अपने ही लोगों से डरे हुए हैं पुतिन: गोर्बाचेव

अपने ही लोगों से डरे हुए हैं पुतिन: गोर्बाचेवमास्को : पूर्व सोवियत संघ के नेता मिखाइल गोर्बाचेव ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि वह अपने ही लोगों से डरे हुए हैं। उनका यह बयान रूस में हाल में बने कुछ कानूनों को लेकर है, जिन्हें समीक्षकों ने असंतुष्टों के खिलाफ कार्रवाई का हथियार बताया है।

गोर्बाचेव (82) ने एक साक्षात्कार में कहा कि मैं इन कानूनों को देखकर हैरान हूं। यह नागरिकों के अधिकारों पर हमला है। आपको अपने ही लोगों से डरना नहीं चाहिए। लोग अपने राष्ट्रपति से सीधा संवाद चाहते हैं। राष्ट्रपति को इससे नाराज नहीं होना चाहिए। गोर्बाचेव, जिनके शासनकाल में सोवियत संघ का विघटन हुआ, ने पुतिन के सहयोगियों को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि उनके साथ जो लोग हैं, उनमें से बहुत से चोर व भ्रष्ट अधिकारी हैं। यदि हालात बदलते नहीं हैं तो रूस आर्कटिक सागर में बर्फ के टुकड़े की तरह डूबता-उतरता रहेगा।

पूर्व सोवियत नेता ने यह भी कहा कि उनकी पुतिन से पिछले एक साल से बातचीत नहीं हुई और दोनों के संबंध बेहद खराब हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि मैंने कई बार सार्वजनिक तौर पर उनकी आलोचना की है। इस पर कई बार तो वह (पुतिन) अपना आपा खो चुके हैं। एक बार वह यहां तक कह चुके हैं कि गोर्बाचेव की जीभ काट लेनी चाहिए।

गौरतलब है कि पुतिन ने हाल ही में कई कानूनों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें प्रदर्शन से संबंधित नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना बढ़ाना, राजद्रोह की परिभाषा को व्यापक बनाना, आलोचनाओं को गैर-कानूनी घोषिात करना तथा इंटरनेट पर सेंसर लगाने वाले कानून शामिल हैं। रूस में दिसम्बर 2011 में हुए संसदीय चुनाव को लेकर भी प्रदर्शन हुए थे, जिसमें पुतिन की युनाइटेड रसा पार्टी के पक्ष में फर्जीवाड़ा किए जाने के आरोप लगाए गए थे। प्रदर्शनकारियों को या तो जेल में डाल दिया गया या उनके खिलाफ आपराधिक आरोप तय किए गए। (एजेंसी)

First Published: Friday, March 8, 2013, 13:06

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