Last Updated: Monday, November 28, 2011, 10:03
मेलबर्न : लेबर सरकार द्वारा यूरेनियम के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाए जाने के बाद भी भारत को इसकी बिक्री स्वत: शुरू नहीं होगी और इसके लिए दूसरे देशों की तरह भारत को भी परमाणु सुरक्षा से सम्बन्धित द्विपक्षीय करार करना होगा।
ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री केविन रड ने सोमवार यह बात कही। ऑस्ट्रेलिया की समाचार एजेंसी एएपी की खबर के अनुसार, नीति में बदलाव एशियाई ताकतों से संबंधों को मजबूत करना है। यह स्वत: यूरेनियम की बिक्री में तब्दील नहीं होगी। उन्होंने कहा कि भारत को पहले द्विपक्षीय परमाणु सामग्री सुरक्षा करार के तहत मजबूत प्रतिबद्धता दिखानी होगी। उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी परमाणु अप्रसार के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं को बेहद गंभीरता से लेता हूं।’ रड ने कहा कि इसके लिए भारत सरकार को द्विपक्षीय परमाणु सेफगार्ड करार पर प्रतिबद्धता दिखानी होगी, जो कुछ उसी तरह का होना चाहिए, जो हमने उन 20 देशों के साथ किया है जिन्हें हम मौजूदा दौर में यूरेनियम की आपूर्ति करते हैं।
रड ने कहा कि इस तरह के करार के लिए ऑस्ट्रेलिया का प्रमुख वार्ताकार होने के नाते वह कड़ा रुख अख्तियार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत को फिलहाल ऑस्ट्रेलियाई यूरेनियम की बेहद आवश्यकता नहीं है, नीति में बदलावच सिर्फ एशियाई की बढ़ती ताकत के साथ रिश्तों को मजबूत बनाना है। उन्होंने कहा, ‘भारत के साथ इस दशक के लिए हमारे रणनीतिक संबंध राष्ट्रीय हित की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।’
(एजेंसी)
First Published: Monday, November 28, 2011, 15:54