Last Updated: Monday, January 9, 2012, 14:45

इस्लामाबाद : गोपनीय संदेश मामले की जांच कर रहे न्यायिक आयोग की ओर से पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को भेजे गए नोटिस के जवाब में एक याचिका दाखिल कर कहा गया है कि राष्ट्रपति के खिलाफ जांच का आधिकार संसद को है इसीलिए यह नोटिस असंवैधानिक है।
जियो न्यूज के मुताबिक शाहिद ओरकजई ने यह याचिका दाखिल कर कहा कि सिंध एवं बलूचिस्तान उच्च न्यायालय के साथ ही आयोग के सदस्यों ने अपनी सीमा लांघ दी है इसीलिए आयोग की कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया जाए।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी कारोबारी मंसूर एजाज ने दावा किया था कि उन्होंने गत मई में अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत हुसैन हक्कानी के कहने पर अमेरिकी सेना के तत्कालीन प्रमुख जनरल माइक मुलेन तक एक संदेश पहुंचाया था। इस संदेश में पाकिस्तान में तख्तापलट की आशंका जाहिर की गई थी। कहा जा रहा है कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के कहने पर हक्कानी ने यह संदेश मुलेन तक पहुंचाने के लिए एजाज से संपर्क किया था।
इस मामले को मेमोगेट कांड या मेमो स्कैंडल नाम दिया गया है और पाकिस्तान में इसे लेकर भारी आक्रोश है।
बलूचिस्तान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश काजी फैज इसा की अध्यक्षता वाला तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग मामले की जांच कर रहा है। इस आयोग ने अन्य लोगों के अलावा पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी, आईएसआई प्रमुख जनरल शुजा पाशा और हक्कानी को तलब किया है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, January 9, 2012, 20:35