Last Updated: Tuesday, September 25, 2012, 17:57
बीजिंग : चीन और जापान के बीच बढ़ते तनाव के बीच चीन ने आज अपने पहले विमानवाहक पोत को नौसेना में शामिल कर लिया जिससे उसकी तेजी से बढ़ती नौसेना के अपने समुद्री जल सीमा से निकलकर गहरे समुद्र में काम करने की क्षमता काफी बढ़ गई ।
करीब 60 हजार टन वजनी इस विमानवाहक पोत का निर्माण पूर्व सोवियत संघ ने किया था और बाद में उसका नवीकरण किया गया और स्थानीय स्तर पर उसका नाम जापान के कब्जे से वर्ष 1945 में मुक्त कराये गये एक प्रांत के नाम पर ‘लिआओनिंग’ रखा गया है । इसे जापान के लिये एक और मौखिक चेतावनी माना जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व चीन सागर में स्थित विवादित द्वीपों को लेकर चल रहे राजनयिक विवाद के कारण चीन और जापान के बीच संबंध बहुत निचले स्तर पर पहुंच गये हैं। चीन का फिलीपीन और वियतनाम जैसे देशों के साथ प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध दक्षिण चीन सागर को लेकर कई विवाद चल रहा है।
चीन के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि करीब 300 मीटर का यह विमानवाहक पोत चीन की नौसेना के पूरी संचालन क्षमता को बढ़ायेगा और देश की संप्रभुता, सुरक्षा एवं विकास हितों की प्रभावी सुरक्षा करेगा। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 25, 2012, 17:57