Last Updated: Friday, December 2, 2011, 05:30
संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र ने चेताया है कि दुनिया एक और आर्थिक मंदी की ओर बढ़ रही है। संयुक्त राष्ट्र ने अनुमान लगाया है कि 2012 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि और कम रहेगी और यहां तक कि भारत और चीन जैसी तेजी से बढ़ती ताकतें भी इसे संभाल नहीं पाएंगी। पिछली बार आर्थिक मंदी में चीन और भारत की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था को सहारा मिला था।
संयुक्त राष्ट्र की ‘विश्व आर्थिक स्थिति और संभावनाएं 2012’ विषय की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले साल वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर घटकर 2.6 प्रतिशत रह जाएगी, जो 2010 में चार फीसद थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2012 का साल वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए ‘करो या मरो’ का होगा। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि वैश्विक आर्थिक संकट के बाद दो साल में सुधार की गति काफी असमतल रही है और विश्व अर्थव्यवस्था एक बार फिर से मंदी के मुहाने पर आ खड़ी हुई है। रिपोर्ट में चेताया गया है कि एक और आर्थिक मंदी का जोखिम बढ़ गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि खासकर यूरोप और अमेरिका के नीति निर्माताओं की असफलता की वजह से बेरोजगारी का संकट दूर नहीं हो सका है। साथ ही वे ऋण संकट से निपट नहीं सके हैं और वित्तीय क्षेत्र की कमजोरी बढ़ने से वैश्विक अर्थव्यवस्था के समक्ष 2012-13 में काफी जोखिम की स्थिति रहेगी।
इसमें कहा गया है कि भारत और चीन जैसे विकासशील देशों की वृद्धि दर 2012 में घटकर 5.6 फीसद रह जाएगी, जो 2010 में 7.5 प्रतिशत थी। अभी ये देश विश्व अर्थव्यवस्था के इंजन बने हुए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, व्यापार और वित्तीय चैनलों से विकासशील देश विकसित देशों के संकट से और अधिक प्रभावित होंगे। इसमें कहा गया है कि चीन और भारत की आर्थिक वृद्धि दर बेहतर रहेगी, पर यह घटेगी। भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2012-13 में 7.7 से 7.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जो 2010 में 9 फीसद रही थी। चीन की वृद्धि दर के 2011 में घटकर 9.3 प्रतिशत और 2012-13 में 9 फीसद पर आने का अनुमान लगाया गया है। 2010 में यह 10.4 प्रतिशत रही थी।
खास बात यह है कि संयुक्त राष्ट्र ने लगभग सभी प्रमुख देशों के लिए 2012 के अपने वृद्धि दर के अनुमान को कम किया है। अमेरिका की वृद्धि दर के अनुमान को 0.7 फीसद घटाकर 1.3 प्रतिशत किया गया है। इसी तरह जापान के वृद्धि दर के अनुमान को 1.3 प्रतिशत कम कर 1.5 फीसद किया गया है। 27 देशों के यूरोपीय संघ के वृद्धि दर के अनुमान को 0.8 प्रतिशत घटाकर 0.5 फीसद किया गया है।
(एजेंसी)
First Published: Friday, December 2, 2011, 20:55