Last Updated: Tuesday, February 14, 2012, 14:15
माले : मालदीव में कथित तख्तालपट पर भारत के रुख से खिन्न पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने उसे आगाह किया है कि नई शासन व्यवस्था में इस देश के चीन के प्रभाव में जाने के साथ ही यहां नयी दिल्ली की ताकत खत्म हो सकती है।
खुद को भारत प्रेमी बताते हुए 44 साल के नशीद ने कहा कि नयी दिल्ली ने उनकी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) को हल्के में लिया है, हालांकि वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के वैचारिक तौर पर समर्थक है। उन्होंने कहा कि पूर्व तानाशाह अब्दुल गयूम की प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) से उलट उनकी पार्टी ही भारत की वफादार है।
नशीद ने कहा, भारत सरकार के लोगों से मेरा सवाल है कि अगर उनको लगता है कि हमने अच्छा काम नहीं किया तो क्या वे मानते हैं कि यह (नयी सरकार) बेहतर विकल्प है। उन्होंने कहा, पीपीएम से उलट हम लोग ऐसे हैं, जो भारत, हिंद महासागर के क्षेत्र में उसकी भूमिका और कामकाज में मजबूती के साथ यकीन करते हैं। हम भारत के साथ नजदीकी रिश्ता चाहते हैं। यह पहला मौका नहीं है, जब नशीद ने मालदीव में राजनीतिक संकट पर भारत के रुख को लेकर निराशा जताई है। उनका दावा है कि उन्हें जबरन सत्ता से बेदखल किया गया है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 14, 2012, 19:45