पत्रकार हत्या: भट्टाराई सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश

पत्रकार हत्या: भट्टाराई सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश

पत्रकार हत्या: भट्टाराई सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेशकाठमांडू : नेपाल में 2004 में एक पत्रकार की संदिग्ध माओवादियों के हाथों हत्या की जांच में कथित रूप से दखल देने पर अवमानना के मामले का सामना कर रहे नेपाली प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टाराई सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश हुए और दावा किया कि उन्होंने जांच को रोकने की कोशिश नहीं की थी।

शीर्ष अदालत ने उनसे सफाई मांगी थी जिसके बाद भट्टाराई ने कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया जो अवमानना के मुकदमे की वजह बनता हो।

अदालत में सोमवार को अपना जवाब दाखिल करते हुए प्रधानमंत्री ने दावा किया कि रेडियो पत्रकार देकेंद्र थापा की हत्या की जांच को रोकने के लिए उन्होंने कोई भी निर्देश जारी नहीं किए। हत्याकांड के सिलसिले में माओवादी काडरों को गिरफ्तार किया।

हालांकि, उन्होंने कहा कि युद्ध के समय के मामलों को नियमित न्याय प्रणाली के तहत निपटाना व्यापक शांति समझौते की भावनाओं के विपरीत होगा जोकि छह साल पहले माओवादियों और सरकार के बीच दस्तखत किया गया था।

पश्चिमी नेपाल के दायलेख जिले में थापा की हत्या के सिलसिले में 18 जनवरी को जारी समन के जवाब में प्रधानमंत्री शीर्ष अदालत के समक्ष पेश हुए।

वकील कमल प्रसाद इतानी और पत्रकार संतोष नेउपाने के लगाए आरोपों का सामना करने के लिए अदालत ने भट्टाराई और एटॉर्नी जनरल मुक्ति प्रधान को पेश होने का निर्देश दिया था।

इतानी और नेउपाने ने आरोप लगया था कि दोनों ने स्थानीय अधिकारियों को हत्याकांड की जांच रोकने का आदेश दिया।

शीर्ष अदालत ने जिला अधिकारियों को मामले की जांच जारी रखने का भी आदेश दिया।

प्रधानमंत्री का सुप्रीम कोर्ट में पेश होना नेपाल के न्यायिक इतिहास में दुर्लभ मौका है।

वकील दिनेश त्रिपाठी ने कहा,‘यह बहुत दुर्लभ है कि प्रधानमंत्री अवमानना के मामले में अदालत में पेश हुए । अदालत ने मामले को बेहद गंभीरता से लिया है।’

अदालत में कल एटॉर्नी जनरल प्रधान पेश हुए और कहा कि उनका इरादा सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का नहीं था और उन्होंने महज यह सुझाव दिया था कि युद्ध के समय के अपराधों का अभियोजन पर्विर्ती न्यायिक तंत्र के जरिए होना चाहिए। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, January 29, 2013, 18:24

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