Last Updated: Wednesday, February 20, 2013, 19:47
जेनेवा : उत्तर कोरिया के एक राजनयिक ने यहां कहा कि उनके देश द्वारा 12 फरवरी को किया गया परमाणु परीक्षण, अमेरिका से लगातार बढ़ते खतरों की प्रतिक्रिया में आत्मरक्षा का एक उपाय था।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, जेनेवा में उत्तर कोरियाई मिशन के प्रथम सचिव जॉन योंग रियोंग ने मंगलवार को निशस्त्रीकरण पर हो रहे एक सम्मेलन सामान्य सत्र के दौरान कहा कि उत्तर कोरिया ने अधिकतम आत्मसंयम बरता है, और ऐसी स्थिति यह देश के सम्मान एवं आत्मरक्षा के लिए यह एक प्राथमिक प्रतिक्रियावादी कदम था।
अमेरिका से आई प्रतिक्रियाओं के जवाब में जॉन ने कहा कि यदि अमेरिका, उत्तर कोरिया के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया अपनाता है तो इससे स्थितियां और जटिल ही होती जाएंगी तथा उत्तर कोरिया को और कड़े कदम उठाने के लिए बाध्य करेंगी। मीडिया रपटों के अनुसार सम्मेलन में उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया के अंतिम विनाश की भी धमकी दी।
अमेरिका ने कहा है कि परमाणु परीक्षण किसी भी तरह से सुरक्षात्मक कदम नहीं है। उत्तर कोरिया ने अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों तथा संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन किया है, जिसके अनुसार उत्तर कोरिया आगे और परमाणु परीक्षण नहीं कर सकता। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 20, 2013, 19:47