'पाक के नहीं आने का फैसला खेदजनक' - Zee News हिंदी

'पाक के नहीं आने का फैसला खेदजनक'



संयुक्त राष्ट्र : अफगानिस्तान पर आयोजित बॉन बैठक में हिस्सा न लेने के पाकिस्तान के फैसले को ‘खेदजनक’ बताते हुए संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून ने कहा कि यह भागीदारी आवश्यक थी क्योंकि संघर्ष के शिकार पड़ोसी देश की शांति और स्थायित्व में उसकी अहम भूमिका है।
बान अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के लिए जर्मन शहर में हैं, जहां उन्होंने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई से भी मुलाकात की। संवाददाताओं से बात करते हुए बान ने कहा कि पाकिस्तान का महत्वपूर्ण बैठक में भाग न लेना उसका ‘अपना स्वतंत्र फैसला’ है। बान के प्रवक्ता की ओर से जारी विज्ञप्ति में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के हवाले से कहा गया, ‘‘अफगानिस्तान में शांति और स्थायित्व के लिए क्षेत्र के जो देश प्रमुख हैं उनमें पाकिस्तान एक है और इसलिए बहुत अच्छा होता यदि पाकिस्तान कांफ्रेंस में उपस्थित होता। मुझे लगता है पाकिस्तान का नहीं आने का फैसला ‘खेदजनक’ है।’’ पाकिस्तान ने उसकी सैन्य चौकियों पर हाल ही में किए गए नाटों के हमले के मद्देनजर कांफ्रेस का बहिष्कार करने का फैसला किया है। इस हमले में पाकिस्तान के 24 सैनिक मारे गए थे।

 

अमेरिका की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन सहित व्हाइट हाउस और ओबामा प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने पाकिस्तान से कांफ्रेस में भाग नहीं लेने के फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहा था। बहरहाल बान ने कहा कि पाकिस्तानी प्रतिनिधियों की गैरमौजूदगी का मतलब यह नहीं है कि वह दक्षिण एशियाई क्षेत्र में शांति और स्थायित्व में सहयोग नहीं करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे जर्मनी के विदेश मंत्री गुइडो वेस्टेर्वेल ने बताया कि उन्हें पाकिस्तानी सरकार ने सूचित किया है कि वह वहां नहीं होगी लेकिन पाकिस्तानी सरकार अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्यों के साथ पूरा सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है तथा खासकर अफगानिस्तान सरकार के साथ काम करने और क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए।’’

 

बान ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि पाकिस्तान, अफगान जनता के साथ काम करने और क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।’’ संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि वह पाकिस्तान और अफगानिस्तान के नेताओं के बीच बातचीत के लिए कई वषरें से जोर देते रहे हैं कि दोनों देशों को ‘पड़ोसी रिश्तों को बनाए रखना चाहिए और एक दूसरे की शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने में मदद’ करना चाहिए।’’ अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से जाने के बाद वहां संयुक्त राष्ट्र की भूमिका के बारे में बान ने कहा कि वैश्विक निकाय 2014 के बाद ‘महत्वपूर्ण और यहां तक कि ज्यादा’ भूमिका निभाना जारी रखेगा।
परिवर्तन के इस दौर में संयुक्त राष्ट्र की अहम जिम्मेदारी होगी और वह सामाजिक और आर्थिक मदद तथा अफगान सरकार को सामन्जस्य एवं बेहतर प्रशासिन क्षमता को बढ़ाने में सहायता के लिए अपनी एजेंसियां, धन राशि और कार्यक्रम मुहैया कराएगा। संयुक्त राष्ट्र मादक पदाथरें की तस्करी जैसे कामों को रोकने और कानून व्यवस्था की स्थापना पर ध्यान केंद्रीत करेगा। साथ ही वह वंचित और कमजोर लोगों खासकर महिलाओं और लड़कियों को देश में सम्मान से जीवनयापन करने में भी मदद करेगा। (एजेंसी)

First Published: Monday, December 5, 2011, 13:58

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