Last Updated: Thursday, January 24, 2013, 17:52
संयुक्त राष्ट्र : भारत ने इजरायल से पश्चिमी तट और पूर्वी यरुशलम में बस्तियां बसाने की गतिविधि को खत्म करने का आह्वान करते हुए कहा है कि इस तरह के कदम जमीनी स्तर पर ‘नई वास्तविकताओं’ को जन्म दे रहे हैं और फिलस्तीन मुद्दे के साथ द्विराष्ट्र समाधान की संभावनाओं को खतरा पैदा हुआ है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि हरदीप सिंह पुरी ने कल बहस के दौरान कहा, ‘फलस्तीन के नियंत्रण वाले क्षेत्रों के घटनाक्रम फिलस्तीनी मकसद के लिए बिल्कुल भी मददगार नहीं रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘अंतराष्ट्रीय स्तर पर निंदा होने के बावजूद पश्चिमी तट और पूर्वी यरूशलम में इजरायल की ओर से बस्तियां बसाने की गतिविधियों के बढ़ाए जाने से द्विराष्ट्र समाधान की संभावना को खतरा पैदा हुआ है।’
पुरी ने कहा, ‘हम इस्राइल से आग्रह करते हैं कि फलस्तीनी क्षेत्र में इस्राइल बस्तियां बसाने की गतिविधियां खत्म करे ताकि बातचीत हो सके।’ पुरी ने इस बात पर चिंता जताई कि दो साल से इसाइल और फलस्तीन के बीच प्रत्यक्ष वार्ता नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया की शांति प्रक्रिया में लगतार गतिरोध इस क्षेत्र के हितों में नहीं है।
भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि बस्तियां बसाने, सड़कों को अवरूद्ध करने और बुनियादी ढांचे संबंधी गतिविधियों से फलस्तीनी आबादी को लगातार मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है तथा फलस्तीनी संस्थाओं के निर्माण की प्रगति में बाधा पैदा हो रही है।
पुरी ने कहा कि गाजा के लिए इस्राइल ने कुछ जरूरी सामानों की आपूर्ति को लेकर कदम उठाए हैं, लेकिन नाकेबंदी खत्म करने का ये विकल्प नहीं हो सकते। उन्होंने कहा, ‘भारत निरंतर इसका समर्थन करता रहेगा कि फलस्तीन को संयुक्त राष्ट्र में पूरी और समान सदस्यता मिले।’ (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 24, 2013, 17:52