Last Updated: Thursday, June 28, 2012, 20:06

न्यूयार्क: भोपाल गैस कांड के पीड़ितों को गुरुवार को उस वक्त करारा झटका लगा जब अमेरिका की एक अदालत ने कहा कि न तो यूनियन कार्बाइड और न ही उसके पूर्व अध्यक्ष वारेन एंडरसन भोपाल में फर्म के पूर्व रासायनिक संयंत्र में पर्यावरण सुधार या पर्यावरण से संबंधित दावों के लिए जिम्मेदार हैं।
मैनहट्टन में अमेरिकी जिला न्यायाधीश जॉन कीना ने उस वाद को खारिज कर दिया जिसमें कंपनी पर दुर्घटना के कारण भोपाल संयंत्र के आस-पास मृदा एवं जल प्रदूषण का आरोप लगाया गया था। अदालत ने कहा कि यूनियन कार्बाइड कापरेरेशन (यूसीसी) और एंडरसन सुधार या प्रदूषण से संबंधित दावों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
अदालत ने कहा कि मूल कंपनी यूसीसी नहीं बल्कि यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड उन कचरों के पैदा होने और उसके निपटारे के लिए जिम्मेदार है, जिसने पेयजल को प्रदूषित किया है और इसके लिए जवाबदेही राज्य सरकार पर है।
याचिकाकर्ता जानकी बाई साहू और अन्य ने आरोप लगाया था कि भोपाल में संयंत्र स्थल के आस-पास आवासीय इलाके में जहरीला पदार्थ रिसकर जमीनी चट्टानी परत में चला गया है और इसने मृदा और पेयजल को प्रदूषित किया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड द्वारा पैदा हानिकारक कचरे के संपर्क में आने से मृदा और पेयजल प्रदूषित हो गया है।
अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘संक्षिप्त फैसले का रिकॉर्ड निश्चित तौर पर इस बात का संकेत देता है कि यूसीआईएल ने यूसीसी से कचरे का निपटान करने और गैर पर्यावरणीय व्यापारिक मामलों यथा रणनीतिक योजना आदि के बारे में सलाह-मशविरा किया था। हालांकि, सबूत में ऐसा कुछ भी दर्शाने के लिए नहीं है कि याचिकाकर्ता ने जिस बारे में शिकायत की है उस कार्रवाई के लिए यूसीसी की मंजूरी की आवश्यकता है।’
अदालत ने कहा, ‘इसके अलावा, व्यापक रिकार्ड में इस बात को दर्शाने के लिए कोई सबूूत नहीं है कि यूसीआईएल ने यूसीसी की तरफ से कीटनाशकों का निर्माण किया, यूसीसी की तरफ से अनुबंध किया या अन्य व्यावसायिक लेन-देन किया या अन्य रूप में यूसीसी के नाम पर काम किया।’
भारतीय इतिहास की सबसे भीषण इस औद्योगिक दुर्घटना में जहरीली गैस मिथाइल आइसोसाइनेट के लीक होने से मध्य प्रदेश में हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।
लिखित में अपनी राय जाहिर करते हुए न्यायाधीश कीनन ने कहा कि साक्ष्यों को याचिकाकर्ता के हिसाब से देखने पर भी यूसीसी सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं है, न तो यूसीआईएल के एजेंट के तौर पर और न ही कॉरपोरेट आवरण हटाकर उसका विश्लेषण करने के बाद।
केएफसी मामले में 1998 में अदालत द्वारा दिए गए एक फैसले का हवाला देते हुए अदालत ने कहा कि कानूनी तौर पर सिर्फ यह कहने से कि मूल कंपनी अपनी आनुषंगिक कंपनी के फैसले लेने की प्रक्रिया में शामिल है या थी या उसने अपनी आनुषंगिक कंपनी की वैध नीतियों को नियंत्रित किया, इससे अलग-अलग कॉरपोरेट इकाइयों के बीच दायित्व नहीं स्थानांतरित हो जाएगा। (एजेंसी)
First Published: Thursday, June 28, 2012, 20:06