Last Updated: Tuesday, June 19, 2012, 00:47

काहिरा : मिस्र में पिछले साल तानाशाही शासन का खात्मा कर लोकतंत्र का ख्वाब देखा गया था, लेकिन अब भी यह हकीकत बनता नहीं दिख रहा है। राष्ट्रपति चुनाव में मुस्लिम ब्रदरहुड जीत का दावा कर रही है और दूसरी सेना ने सत्ता पर अपना नियंत्रण रखते हुए अंतरिम संविधान का एलान कर दिया है।
यहां राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के नतीजे अभी आधिकारिक तौर पर घोषित नहीं हुए हैं, लेकिन मुस्लिम ब्रदरहुड ने कहा है कि उसके उम्मीदवार मोहम्मद मुरसी को करीब 52 फीसदी मत मिले हैं और उन्होंने हुस्नी मुबारक के शासनकाल में प्रधानमंत्री रहे अहमद शफीक को पटकनी दे दी है।
इस्लामी मूल्यों के समर्थक इस संगठन के दावे से इतर मिस्र के सरकारी चैनल ने कहा है कि दोनों के उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर है। यहां लोकतंत्र के भविष्य को लेकर बनी असमंजस और अनिश्चितता की स्थिति के बीच अगर मुरसी आधिकारिक परिणाम में विजेता घोषित होते हैं तो यहां पहली बार कोई इस्लामी व्यक्ति राष्ट्रपति पद पर आसीन होगा।
इस बीच कई विधायी शक्तियां अपने पास रखने का फैसला करके सेना ने यहां भविष्य में टकराव की स्थिति की आशंका पैदा कर दी है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 19, 2012, 00:47