Last Updated: Monday, July 1, 2013, 19:12

काहिरा : मिस्र में राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के इस्तीफे की मांग को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर हो रहे विरोध-प्रदर्शनों के दूसरे दिन सोमवार को कम से कम 16 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए। उधर, विपक्ष ने मुर्सी को सत्ता छोड़ने के लिए कल तक का अल्टीमेटम दिया है।
राजधानी काहिरा में हजारों लोग रविवार को ऐतिहासिक तहरीर स्क्वेयर पर एकत्र हुए, जो वर्ष 2011 में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन का प्रतीक बन गया था। राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी ‘तामरोद’ (विद्रोही) के बैनर तले एकत्र हुए। इस संगठन ने मुर्सी के इस्तीफे की मांग और चुनावों को रद्द करने को लेकर एक हस्ताक्षर अभियान चला रखा है। मुर्सी का हाल ही में कार्यालय में एक वर्ष पूरा हुआ है।
सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने यहां मुस्लिम ब्रदरहुड के राष्ट्रीय मुख्यालय पर धावा बोल दिया। उन्होंने छह मंजिला इमारत में तोड़फोड़ की और इसके आगे के हवाले कर दिया।
सरकारी मीडिया ने देश के स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय के हवाले से कहा है कि 30 जून से हो रहे प्रदर्शनों में देश भर में मारे गए लोगों की संख्या 16 हो गई है। घायलों की संख्या 743 होने की आशंका जताई गई है।
तामरोद की वेबसाइट पर जारी किए गए एक बयान में कहा गया है, ‘हम सत्ता छोड़ने और संस्थाओं को जल्द राष्ट्रपति पद के चुनाव कराने के लिए मोहम्मद मुर्सी को मंगलवार दो जुलाई को शाम पांच बजे तक का समय देते हैं।’ बयान में चेतावनी दी गयी है कि यदि मुर्सी ने कल तक सत्ता नहीं छोड़ी तो उन्हें सविनय अवज्ञा आंदोलन का सामना करना पड़ेगा।
काहिरा में विपक्षी कार्यकर्ताओं और मुर्सी समर्थकों के बीच हुई झड़प में आठ लोग मारे गए, जबकि असिउत में तीन लोगों की मौत हो गई। फायूम, बेनी सुएफ और कफ्र अल शेख में एक-एक व्यक्ति मारे गए। राष्ट्रपति भवन के बाहर रैली के दौरान एक व्यक्ति की मौत हुई, जबकि अलेक्जेंड्रिया में एक व्यक्ति मारा गया। मुर्सी की आर्थिक और राजनीतिक नीतियों से गुस्साए हजारों आम मिस्रवासियों ने भी रैलियों में हिस्सा लिया और इसे मिस्र के इतिहास में सबसे बड़ा प्रदर्शन बताया। इस दावे की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो पाई है।
विपक्षी नेशनल साल्वेशन फ्रंट ने कहा है कि प्रदर्शनकारी शासकों के सत्ता छोड़ने तक सड़कों पर रहेंगे । विपक्षी कार्यकर्ताओं का दावा है कि आठ करोड़ 40 लाख की आबादी वाले देश में दो करोड़ 20 लाख लोगों ने याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं और उन्होंने हस्ताक्षर करने वालों से तहरीर चौक पर आने की अपील की है ।
हजारों लोगों ने प्रदर्शनों के तहत तहरीर चौक पर रात गुजारी जो अरब क्रांति का प्रतीक रहा है और जिसके चलते सबसे लंबे समय तक देश के राष्ट्रपति रहे हुस्नी मुबारक को वर्ष 2011 में सत्ता छोड़नी पड़ी थी। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 1, 2013, 19:12