Last Updated: Friday, July 26, 2013, 19:33

काहिरा : मिस्र की एक अदालत ने अपदस्थ इस्लामी राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी से फिलस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास के साथ साठगांठ को लेकर पूछताछ करने के लिए हिरासत में लेने का आदेश दिया है। दूसरी ओर मुस्लिम ब्रदरहुड ने इस निर्णय को ‘फासीवादी सैन्य शासन’ द्वारा प्रभावित बताया है।
एमईएनए संवाद समिति के अनुसार मुर्सी से इस बारे में पूछताछ की जाएगी कि क्या उन्होंने 2011 की शुरूआत में थानों पर हमले एवं जेल तोड़ने के सिलसिले में हमास से हाथ मिलाया था। मुर्सी तीन जुलाई को पद से हटाए जाने के बाद से ही सेना के हिरासत में हैं।
सेना द्वारा तीन जुलाई को मुर्सी को अपदस्थ किए जाने के बाद उनकी स्थिति पर यह पहला आधिकारिक बयान है। उन्हें 15 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया गया है। इस कथित अपराध की जांच काहिरा की अदालत कर रही है । उसे जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह पता लगाए कि जनवरी 2011 के अंत में जेल तोड़ कैदी वहां से कैसे भागे थे।
यह आरोप लगने के बाद कि मुर्सी के इस्लामी समूह ने गाजा के हमास शासकों से मदद ली थी यह जांच की जा रही है। मुर्सी समेत कई इस्लामी नेता वर्ष 2011 में जेल से भागे थे। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने मिस्र से कहा है कि वह पूर्व राष्ट्रपति की स्थिति को कानून स्पष्ट करे। ब्रदरहुड के वरिष्ठ नेता एस्साम अल-एरियन का कहना है कि मुर्सी को हिरासत में लेने का निर्णय मिस्र की वर्तमान ‘फासीवादी सैन्य शासन’ का सही चेहरा उजागर करता है। (एजेंसी)
First Published: Friday, July 26, 2013, 19:33