Last Updated: Tuesday, June 25, 2013, 12:00

संयुक्त राष्ट्र : युद्ध से संबंधित यौन हिंसा समाप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने आज एक नया प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि इस बुराई को खत्म करने और रोकने के लिए इस तरह के कार्यों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। महिलाओं, शांति और सुरक्षा पर बहस के दौरान 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने सर्वसम्मति से नया प्रस्ताव पारित कर दिया। संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी बयान में कहा गया कि ‘प्रस्ताव 2016’ यौन हिंसा अपराधों पर रोक लगाने के लिए इन अपराधों की कड़ी व सतत जांच और कड़ी कार्रवाई पर जोर देता है।
संयुक्त राष्ट्र के सचिव बान की मून ने बहस से इतर कहा, यौन हिंसा कहीं भी और कभी भी हो, यह एक घृणित अपराध है। इसका खुलासा किया जाना चाहिए। इसके खिलाफ वही गुस्सा और प्रतिक्रिया होनी चाहिए, जिसके यह योग्य है। बान ने इस बात पर जोर दिया कि जिन लोगों के पास ताकत और प्रभाव है, उन्हें आगे आना चाहिए और इस ‘बुराई’ को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध वैश्विक गठबंधन का हिस्सा बनना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग (यूएनएचसीआर) की विशेष दूत एंजेलीना जोली ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि दुनिया का हर देश यौन हिंसा से प्रभावित है। सभी देशों का फर्ज है कि वे इसके लिए कदम उठाएं। जोली ने यह भी कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए राजनैतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है। उन्होंने कहा, लेकिन इसकी शुरूआत आपसे (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) होनी चाहिए। यह शुरूआत आपकी जिम्मेदारियों और नेतृत्व से होनी चाहिए। अगर सुरक्षा परिषद युद्ध में बलात्कार और यौन हिंसा के खिलाफ कदम को प्राथमिकता मान लेता है तो यह वाकई प्राथमिक बन जाएगा और इस दिशा में प्रगति हो सकेगी। अगर आप ऐसा नहीं करते तो यह भय बना रहेगा। इससे पहले वर्ष 2008, 2009 और 2010 में आए तीन प्रस्तावों में परिषद ने यह पुष्टि की थी कि व्यवस्थापूर्ण ढंग से और युद्ध के औजार के रूप में इस्तेमाल की गई यौन हिंसा अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए मूल खतरा है, जिससे बचने के लिए क्रियाशील सुरक्षा और न्यायिक प्रतिक्रिया की जरूरत है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 25, 2013, 12:00