Last Updated: Monday, December 5, 2011, 11:16
मास्को : रूस के संसदीय चुनावों में प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन को बड़ा झटका लगा है। उनकी सत्तारूढ़ यूनाइटेड रशिया पार्टी स्टेट ड्यूमा में दो तिहाई बहुमत हासिल करने का अपना पिछला कारनामा दोहराने में नाकाम रही है हालांकि पार्टी को सामान्य बहुमत मिल गया है।
बीते 12 वर्षों से रूस की सत्ता पर मजबूत पकड़ रखने वालों के लिए यह चुनाव झकझोरने वाला है। अब तक 96 फीसदी मतों की गिनती हुई। इसके मुताबिक 450 सीटों वाली स्टेट ड्यूमा में यूनाइटेड रशिया को सिर्फ 238 सीटें मिलती नजर आ रही हैं।
केंद्रीय निर्वाचन समिति के प्रमुख व्लादिमीर चुरोव ने अनुमान लगाया है कि पुतिन की पार्टी को 238 सीटे मिलेंगी। पिछली बार रूसी संसद के इस निचले सदन के चुनाव में युनाइटेड रशिया ने दो तिहाई बहुमत हासिल किया था।
इस बात की उम्मीद की जा रही थी कि पुतिन की पार्टी इस चुनाव में अपना बहुमत बरकरार रखने में कामयाब रहेगी और इससे अगले साल के राष्ट्रपति चुनाव में उनका दावे को मजबूती मिलेगी। यहां मार्च, 2012 में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं।
तमाम उम्मीदों के उलट रूस के मतदाताओं ने लोकप्रिय माने जाने वाले पुतिन को झटका दिया है। इसकी वजह राजनीतिक स्पर्धा की कमी को लेकर निराशा, भ्रष्टाचार के बढ़ते मामले और अमीर-गरीब के बीच बढ़ती खाई को माना जा रहा है। कम्यूनिस्ट पार्टी आफॅ द रशियन फैडरेशन (केपीआरएफ) को 92 सीटें मिलती नजर आ रही हैं। पिछली बार की तुलना में यह 35 अधिक है।
जस्ट रशिया पार्टी तीसरे स्थान पर है। उसके 64 सीटें नजर आ रही हैं। पिछली बार उसे महज 38 सीटें मिली थी।
पुतिन की पार्टी रविवार के संसदीय चुनावों में 50 फीसदी मतों से ज्यादा पाने में तो कामयाब रही लेकिन ड्यूमा में वह दो तिहाई का अपनी बहुमत गंवा बैठी है।
इस चुनाव को पुतिन की लोकप्रियता का इम्तिहान माना जा रहा था जो मार्च में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने वाले हैं।
(एजेंसी)
First Published: Monday, December 5, 2011, 16:59