Last Updated: Saturday, September 14, 2013, 20:47

न्यूयॉर्क/जिनेवा : अमेरिका और रूस शनिवार को एक समझौते पर सहमत हुए जिसके मुताबिक सीरिया के रासायनिक हथियारों को मध्य 2014 तक खत्म कर दिया जाएगा, जबकि राष्ट्रपति बराक ओबामा ने चेतावनी दी कि अगर कूटनीति असफल रहती है तो सैन्य विकल्प खुला हुआ है।
अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच तीन दिन की गहन वार्ता के बाद जिनेवा में यह समझौता हुआ।
केरी ने छह बिन्दुओं वाली रूपरेखा तय की, जिसके मुताबिक सीरिया को एक हफ्ते के अंदर अपने हथियारों के जखीरे की सूची सौंपनी होगी और अपने रासायनिक स्थलों तक ‘तत्काल बाधारहित पहुंच’ की अनुमति देनी होगी।
वार्ता समाप्त होने के बाद लावरोव के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि निरीक्षक नवम्बर तक वहां पहुंच जाएंगे और जखीरे को मध्य 2014 तक या तो हटाना होगा या नष्ट कर देना होगा।
बहरहाल राष्ट्रपति ओबामा ने बशर अल असद प्रशासन को चेतावनी दी कि वह वार्ता को ‘स्थगन युक्ति’ के रूप में नहीं लें।
उन्होंने साप्ताहिक संबोधन में कहा, ‘चूंकि यह योजना अमेरिकी सैन्य कार्रवाई की धमकी के बाद तय हुई है, हम इलाके में अपनी सैन्य तैनाती को बरकरार रखेंगे ताकि असद सरकार पर दबाव बना रहे।’ ओबामा ने कहा, ‘अगर कूटनीति असफल रहती है तो अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कार्रवाई के लिए तैयार रहना चाहिए।’
इस हफ्ते रूस की योजना के बाद दमिश्क ने 1993 के रासायनिक हथियार समझौते में शामिल होने के लिए आवेदन किया जिससे अमेरिका के नेतृत्व में हमले की आशंका थोड़ी कम हुई।
अमेरिका दमिश्क में 21 अगस्त को राष्ट्रपति बशर अल असद के प्रशासन को कथित रासायनिक हथियारों के हमले में एक हजार नागरिकों की मौत का जिम्मेदार मानता है। सीरिया की सरकार आरोपों से इंकार करती है। केरी और लावरोव ने कहा कि अगर सीरिया समझौते के अनुपालन में विफल रहा तो संयुक्त राष्ट्र चार्टर के चैप्टर छह के तहत संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव पारित करने की मांग की जाएगी।
केरी ने कहा, ‘अगर इस रूपरेखा को पूरी तरह लागू किया जाता है तो न केवल सीरिया के लोगों को बल्कि पड़ोसी देश के लोगों को भी इन हथियारों के खतरे से निजात मिल जाएगी।’
केरी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति को सीरिया पर सैन्य हमले का अधिकार है। लेकिन लावरोव ने कहा, ‘बल प्रयोग के बारे में कुछ नहीं कहा गया है और न ही किसी स्वचालित प्रतिबंध के बारे में।’
उन्होंने वार्ता को ‘शानदार’ बताया और कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन में राष्ट्राध्यक्षों के उद्देश्य को इसमें हासिल किया गया है। लावरोव ने सुझाव दिया कि सीरिया को लेकर अक्तूबर में एक और अंतरराष्ट्रीय शांति सम्मेलन किया जा सकता है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, September 14, 2013, 20:47