हिलेरी-खार में माफीनामे की भाषा पर हुई थी चर्चा

हिलेरी-खार में माफीनामे की भाषा पर हुई थी चर्चा

हिलेरी-खार में माफीनामे की भाषा पर हुई थी चर्चान्यूयॉर्क : अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने अपनी पाकिस्तानी समकक्ष हिना रब्बानी खार के साथ पिछले साल नाटो हवाई हमले में 24 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने को लेकर माफीनामे की ‘भाषा’ पर चर्चा की थी और वह पिछले कई हफ्तों से इसके मसौदे पर काम कर रही थीं।

दोनों देशों के बीच पिछले सात महीने से जारी खटास को खत्म करते हुए हिलेरी ने बयान जारी किया जिसमें उन्होंने अमेरिका के ‘गहरे खेद’ को दोहराया और कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रिश्तों को सबसे निचले स्तर पर ले जाने वाले हमले में ‘पाकिस्तानी सेना को हुए नुकसान के लिए दुख’ है।

माफीनामे के बाद पाकिस्तान अफगानिस्तान की ओर जाने वाले नाटो आपूर्ति मार्गों को फिर से खोलने पर सहमत हुआ। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने इस प्रक्रिया से जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से कहा कि कल जारी बयान के मसौदे पर हिलेरी ने कई हफ्ते पहले काम शुरू कर दिया था।

सूत्र ने कहा कि एक बिन्दु पर उन्होंने खार के साथ बयान की भाषा पर भी विचार विमर्श शुरू किया और कहा, ‘यह संयुक्त रूप से किया गया।’ अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि युवा पाकिस्तानी विदेश मंत्री खार के साथ हिलेरी के लगातार करीबी रिश्तों ने विवाद सुलझाने में मदद की। हिलेरी ने टेलीफोन पर खार से बात की और बयान में कहा, ‘हम आगे कभी इस तरह की घटना रोकने के लिए पाकिस्तान और अफगानिस्तान के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’

‘न्यूयार्क टाइम्स’ ने कहा कि माफीनामे को लेकर हिलेरी और उनके शीर्ष सहयोगियों ने व्हाइट हाउस और पेंटागन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया और इस बात पर चर्चा हुई कि वह ‘ए वर्ड’ ‘अपोलाजी’ (माफी) का जिक्र करने से बचने के लिए खार से फोन पर क्या बात करें। इसमें कहा गया कि हिलेरी ने पाकिस्तान की लंबे समय से माफी की मांग के जवाब में हल्के शब्द ‘सॉरी’ (दुख) को चुना। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, July 4, 2012, 13:51

comments powered by Disqus