Last Updated: Monday, January 9, 2012, 13:05
चेन्नई : पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने सूर्य से उपलब्ध जबरदस्त उर्जा के समुचित दोहन पर जोर देते हुए सोमवार को प्रस्ताव किया कि अंतरिक्ष में सौर बिजलीघर लगे और वहां संग्रहीत उर्जा को पृथ्वी पर लाने के लिए नेनौ उर्जा पैक का इस्तेमाल किया जाए।
वे यहां अन्ना विश्वविद्यालय में 20वीं राष्ट्रीय लेजर परिचर्चा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, दुनिया भर में सोमवार को मनुष्य जितनी उर्जा खपत करता है सूर्य उससे 10,000 अरब गुना अधिक बिखरेता है। अगर हम सूर्य की इस उर्जा के एक छोटे से हिस्से को भी जुटा सकें तो हमारी भावी उर्जा जरूरतों को पूरी हो जाएंगी।
भूतल स्थित बिजलीघरों की सीमाओं का जिक्र करते हुए कलाम ने कहा कि अंतरिक्ष स्थित सौर उर्जा संयंत्र धरती पर स्थित पारंपरिक सौर उर्जा संयंत्रों की तुलना में कहीं आगे होते हैं, वे अधिक फायदे वाले हैं। उन्होंने अंतरिक्ष स्थित उर्जा संयंत्रों को बिजली उत्पादन में अपेक्षाकृत अधिक प्रभावी, दक्ष बताया।
उन्होंने कहा कि भूतल की तुलना में अन्य जगहों पर सौर प्रदीपन्न लगभग 1.4 गुना अधिक होता है। इसी तरह धरती पर स्थिति सौर उर्जा संयंत्र में पैनल को केवल छह से आठ घंटे उर्जा मिलेगी जबकि अंतरिक्ष वाला सौर उर्जा संयंत्र चौबीसों घंटे उर्जा संग्रहित कर पाएगा। इसके अलावा अंतरिक्ष स्थिर उर्जा संयंत्रों पर मौसमी हालात का असर भी नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष स्थित उर्जाघरों से उर्जा माइ्रकोवेव या लेजर जैसी अन्य प्रौद्योगिकी के जरिए जमीन पर भेजी जा सकती है। इससे पहले कलाम ने अन्ना यूनिवर्सिटी-बीसीटी कलाम सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन किया। (एजेंसी)
First Published: Monday, January 9, 2012, 19:20