Last Updated: Tuesday, August 13, 2013, 20:52
ज़ी मीडिया/संजीव कुमार दुबेनई दिल्ली: लगभग 3500 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर अगस्टा खरीद में दलाली खाने के आरोपों के बाद नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक यानी कैग ने इस सौदे कई नए खुलासे किए हैं। संसद में मंगलवार को पेश कैग की रिपोर्ट में रक्षा मंत्रालय को इस सौदे के मामले में कई अनियमतिताओं के लिए कठघरे में खड़ा किया गया है। साथ ही रक्षा खरीद नीति के अनेक प्रावधानों से भटकने के लिए मंत्रालय की खिंचाई की गई है।
संसद मे पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्टा वेस्टलैंड के AW-101 हेलीकॉप्टर का ट्रायल उसी तरह के एक डमी हेलीकॉप्टर पर किया गया, क्योंकि उस समय तक अगस्टा वेस्टलैंड AW-101 हेलीकॉप्टर निर्माणाधीन था। इस ट्रायल से टेंडर में शॉर्टलिस्ट किए गए दो अलग वेंडरों को बराबर मौका नहीं मिला।
साथ ही डीपीपी द्वारा 2006 में हेलीकॉप्टरों की कीमतों को तय करने के लिए गाइडलाइन तय किए गए। इस सौदे के की रकम 4871.5 करोड़ रुपये तय की गई जो बहुत ज्यादा थी। रिपोर्ट में यह बात भी कही गई है कि AW-101 हेलीकॉप्टर की समीक्षा 2002 में इस वजह से नहीं की जा सकी थी क्योंकि यह 4572 मीटर तक ऊंचाई तक उड़ सकता था जबकि मांग 6000 मीटर की ऊंचाई तक उड़ने वाले हेलीकॉप्टर की थी।
First Published: Tuesday, August 13, 2013, 15:24