Last Updated: Thursday, November 29, 2012, 16:31

नई दिल्ली : सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कानून की धारा 66 (ए) के तहत हुई गिरफ्तारियों पर उठे हंगामे के बाद अब इस धारा के तहत शिकायत दर्ज करने से पहले शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस उपायुक्त और महानगरों में पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी से मंजूरी लेनी होगी।
एक शीर्ष सूत्र ने बताया, ‘संबंधित पुलिस अधिकारी या पुलिस थाना तब तक कोई शिकायत (66ए के तहत) दर्ज नहीं कर सकते, जब तक शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस उपायुक्त स्तर के अधिकारी और महानगरीय क्षेत्रों में पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी से पहले अनुमति नहीं ले ली जाती।’
बाल ठाकरे के निधन के बाद मुम्बई में बंद जैसी स्थिति की फेसबुक पर आलोचना करने के कारण पिछले सप्ताह दो लड़कियों की गिरफ्तारी और कल एक 19 वर्षीय लड़के को मनसे प्रमुख राज ठाकरे एवं मराठियों के खिलाफ सोशल नेटवर्किंग साइट पर ‘आपत्तिजनक’ टिप्पणी करने के लिए पकड़ लिया गया था।
इन मामलों के बाद सरकार सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 66 (ए) के तहत ये दिशानिर्देश जारी कर रही है। यह धारा इलेक्ट्रॉनिक संदेशों के जरिए घृणा फैलाने से संबंधित है। धारा 66 (ए) जमानती अपराध है और इसके तहत तीन वर्ष तक की सजा हो सकती है।
First Published: Thursday, November 29, 2012, 16:31