Last Updated: Sunday, September 1, 2013, 18:08

नई दिल्ली : प्रवचनकर्ता आसाराम विवाद पर भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को नरेंद्र मोदी को यह कहते हुए निशाना बनाया कि आसाराम के गुजरात आश्रम में दो बच्चों की रहस्यमय मौत के मामले की जांच करने वाले एक न्यायिक आयोग की रिपोर्ट पर उन्होंने कार्रवाई क्यों नहीं की।
आसाराम के भाजपा का करीबी होने का दावा करने वाले सिंह ने यह बयान देने से एक दिन पहले सवाल किया था कि विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज महिलाओं पर ज्यादती के मुद्दे पर हमेशा खुल कर बोलती हैं लेकिन आसाराम के खिलाफ बलात्कार के आरोपों पर वह चुप क्यों हैं। सिंह ने भाजपा पर दोहरे मानदंड रखने का आरोप लगाया।
इस पर सुषमा ने ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया दी कि कानून अपना काम करेगा। ‘हमारे देश में कानून सबके लिए बराबर है।’ लेकिन सिंह अपने आरोप पर कायम रहे।
उन्होंने कहा ‘यह भाजपा के दोहरे मानदंड का उदाहरण है। वह लोग दूसरों के मामले में हाय तौबा मचाते हैं और खुद में से किसी एक के मामले में चुप्पी साध लेते हैं।’ उन्होंने आरोप लगाया कि आसाराम लंबे समय से भाजपा के करीबी रहे हैं। उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आड़े हाथों लिया।
सिंह ने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि न्याय होना चाहिए तो न्यायिक आयोग की वह रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं की जा रही है जो गुजरात में आसाराम के आश्रम में रहने वाले दो लड़कों की हत्या के मुद्दे पर थी।
उन्होंने कहा ‘उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की?’ कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा के कई नेता आसाराम का समर्थन कर रहे हैं और उमा भारती उनका बचाव करने वालों में सबसे पहले हैं। कल दिग्विजय सिंह ने सुषमा स्वराज को निशाना बनाते हुए कहा ‘महिलाओं के खिलाफ ज्यादतियों पर भाजपा में सबसे ज्यादा आवाज सुषमा स्वराज आवाज बुलंद करती हैं। आसाराम बापू के मामले में वह चुप क्यों हैं।’
सुषमा ने इसके जवाब में आज ट्वीट किया ‘कोई छोटा या बड़ा नहीं है। कानून अपना काम करेगा।’ एक अन्य ट्वीट में सुषमा ने कहा ‘मैंने शनिवार को विदिशा में भी मीडिया से कहा। हमारे देश में कानून है जो सबके लिए बराबर है।’ 72 वर्षीय आसाराम पर 16 साल की एक किशोरी ने कथित यौन शोषण का आरोप लगाया है। आसाराम को मध्य रात्रि के बाद गिरफ्तार कर लिया गया।
इससे पहले, 3 जुलाई 2008 को दो भाई दीपेश वाघेला (10 साल) और अभिषेक वाघेला (11 साल) आसाराम द्वारा संचालित आवासीय स्कूल ‘गुरूकुल’ से लापता हो गए थे। दो दिन बाद उनके क्षतविक्षत शव समीप ही नदी के किनारे पाए गए थे।
दोनों बच्चों के शव मिलने के बाद आश्रम के खिलाफ आंदोलन हुआ था। तब आरोप लगाया गया था कि बच्चों की मौत का संबंध आश्रम में होने वाले ‘काला जादू’ से था। (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 1, 2013, 15:29