Last Updated: Monday, August 5, 2013, 00:40
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली/लखनऊ : नोएडा के कादलपुर गांव में मस्जिद की दीवार गिराने के आरोप में निलंबित गौतमबुद्ध नगर की एसडीएम दुर्गा शक्ति नागपाल केस में अखिलेश सरकार ने रविवार को अपना रुख और सख्त करते हुए दुर्गा को चार्जशीट यानी आरोपपत्र की कॉपी थमा दी। साथ ही दुर्गा से 15 दिन के अंदर आरोपपत्र का जवाब देने को भी कहा गया है। यूपी सरकार ने चार्जशीट की एक कॉपी केंद्र सरकार को भी भेजी है।
मिली जानकारी के अनुसार, चार्जशीट में कहा गया है कि दुर्गा में प्रशासनिक क्षमता की बेहद कमी है और उन्होंने निर्माण को गिराने में किसी भी कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया। उनसे पूछा गया है कि इस मामले में वरिष्ठ की सलाह क्यों नहीं लगी गई।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव दुर्गा को सस्पेंड करने के अपने फैसले पर अडिग हैं। एक अखबार को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि हमने स्थानीय स्तर पर मिली जानकारी के आधार पर यह कार्रवाई की है। क्या यह सच नहीं कि दुर्गा को ईमानदारी की सजा मिली के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि बात ईमानदारी और बेईमानी की नहीं है। वह एक जिम्मेदार पद पर तैनात थीं और उनकी एक कार्रवाई से बेवजह तनाव पैदा हुआ। इस मामले में उनकी गलती थी, जिसकी सजा उन्हें मिली।
रविवार शाम अखिलेश सरकार ने दुर्गा को चार्जशीट भेजकर यह साफ कर दिया कि वह इस मामले में तमाम विरोधों के बाद भी अपने कदम पीछे नहीं खींचने जा रही है। सूत्रों ने यह भी बताया कि कार्मिक मंत्रालय के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने उप्र की सपा सरकार को दो-तीन दिन पहले पत्र लिखकर आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन पर रिपोर्ट मांगी है। उल्लेखनीय है कि कार्मिक मंत्रालय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास ही है। एक सूत्र ने बताया, `पत्र दो से तीन दिन पहले भेजा गया।`
First Published: Sunday, August 4, 2013, 23:30