Last Updated: Wednesday, August 7, 2013, 17:29
साल 1975 में जब इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लगाई थी तब भी सत्ता के खिलाफ बोलने या लिखने वालों को जेल में डाला जाता था। कुछ ऐसा ही तब हुआ था जब बिहार में प्रेस बिल लाया गया और अभिव्यक्ति की आजादी खत्म कर दी गई। प्रेस सेंसरशिप को लेकर लंबी बहसें हुईं, देश भर में प्रदर्शन हुए और आखिरकार सरकार को अपने फैसले वापस लेने पड़े।