उपग्रह रिसैट-1 का प्रक्षेपण आज - Zee News हिंदी

उपग्रह रिसैट-1 का प्रक्षेपण आज


चेन्नई : दूर संवेदी/पृथ्वी की निगरानी करने वाले उपग्रह 'राडार इमेजिंग सैटेलाइट' (रिसैट-1) को गुरुवार को सुबह 5.47 बजे अंतरिक्ष में स्थापित करने के लिए धरती से एक रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित किया जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इस रॉकेट के दूसरे चरण में तरल ईंधन भर रही है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक जानकार सूत्र ने कहा कि आज (बुधवार) के प्रमुख कार्यो में शामिल है रॉकेट के दूसरे चरण में तरल ईंधन भरना। उल्टी गिनती चालू है और रॉकेट की सभी प्रणाली सामान्य है।

 

इसरो के एक अधिकारी ने कहा कि स्वदेशी राडार इमेजिंग सैटेलाइट (रिसैट-1) का इस्तेमाल आपदाओं के पूर्वानुमान और कृषि सम्बंधी अग्रिम सूचनाओं के लिए किया जाएगा। साथ ही इसकी उच्च रेजोल्यूशन की तस्वीरों और सूक्ष्म प्रतिबिंबों का इस्तेमाल रक्षा उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। उपग्रह का कार्यकाल पांच सालों का होगा। रिसैट-1 देश का सबसे वजनी माइक्रोवेव उपग्रह है। इसका वजन 1,858 किलोग्राम है। इसे 480 किलोमीटर की ऊंचाई पर 97.552 डिग्री के झुकाव के साथ स्थापित किया जाएगा।

 

उपग्रह को धरती की कक्षा में ले जाने वाला रॉकेट चार चरणों वाले ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) का उन्नत संस्करण पीएसएलवी-एक्सएल है। पीएसएलवी अपने अब तक के इतिहास में सर्वाधिक वजन लेकर अंतरिक्ष जाएगा, लेकिन वैज्ञानिकों को किसी समस्या की उम्मीद नहीं है। पीएवएलवी के चार चरणों को ठोस तथा तरल ईंधनों से भरा जाता है। पहले और तीसरे चरण में ठोस ईंधन भरा जाता है, जबकि दूसरे और चौथे चरण में तरल ईंधन का इस्तेमाल किया जाता है।

 

दूरसंवेदी उपग्रह धरती पर तस्वीरें तथा अन्य आंकड़े भेजते हैं। भारत के पास दूरसंवेदी उपग्रहों की दुनिया में सर्वाधिक संख्या है और इस तरह के आंकड़ों का यह दुनिया में सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। भारत के पास 11 दूरसंवेदी उपग्रह हैं। ये हैं टीईएस, रिसोर्ससैट-1, काटरेसैट 1, 2, 2ए और 2बी, आईएमएस 1, रिसैट-2, ओसनसैट 2, रिसोर्ससैट-2, मेघा-ट्रोपिक्स। इसरो के अधिकारियों के मुताबिक नए मिशन कंट्रोल केंद्र से अंतरिक्ष वैज्ञानिक रॉकेट के प्रक्षेपण को नियंत्रित करेंगे। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने जनवरी में केंद्र का उद्घाटन किया था।

(एजेंसी)

 

First Published: Thursday, April 26, 2012, 00:19

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