एफडीआई मसला: सपा, बसपा लगा सकती है सरकार की नैया पार

एफडीआई मसला: सपा, बसपा लगा सकती है सरकार की नैया पार

एफडीआई मसला: सपा, बसपा लगा सकती है सरकार की नैया पारनई दिल्ली : खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच सरकार को उम्मीद है कि आंकड़ों की बारी आने पर वह अपनी नैया पार लगा लेगी।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और वामपंथी दल इस मुद्दे पर मत विभाजन वाले प्रावधान के तहत बहस कराने की मांग पर अड़े हुए हैं। मत विभाजन की स्थिति में यदि समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने इसमें शामिल न होकर अप्रत्यक्ष रूप से सरकार का साथ दिया तो आंकडे़ सरकार के पक्ष में होंगे।

तृणमूल कांग्रेस द्वारा सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के पास 245 सदस्य होंगे। तृणमूल ने इस मुद्दे पर अपने रुख में नरमी की है लेकिन इतना तय है मतविभाजन की स्थिति में वह सरकार के खिलाफ जाएगी।

सपा और बसपा सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे हैं और दोनों ही दल एफडीआई के विरोध में हैं लेकिन इस बात की प्रबल संभावना है कि दोनों दल मतविभाजन में भाग न लें। सरकार के लिए आंकड़ों के लिहाज से यह स्थिति सुखद रहेगी।
उधर, विपक्ष का संख्या बल पर नजर दौड़ाई जाए तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सदस्यों की कुल संख्या 150 है जबकि वामदलों की संख्या 24 है। लोकसभा में 14 सदस्यों वाला बीजू जनता दल (बीजद), नौ सदस्यों वाले ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) और छह सदस्यों वाली तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) ने सरकार के खिलाफ मतदान के पहले ही एलान किया हुआ है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, November 28, 2012, 09:41

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