कलमाडी की बेल याचिका पर सुनवाई टली - Zee News हिंदी

कलमाडी की बेल याचिका पर सुनवाई टली


 

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रमंडल खेल से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले के मुख्य आरोपी सुरेश कलमाडी और उनके प्रमुख सहयोगी वी.के. वर्मा की जमानत याचिका पर सुनवाई नौ जनवरी तक के लिए टाल दी। सांसद कलमाडी 2010 में दिल्ली में हुए राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के अध्यक्ष रहे हैं। इस समय वह तिहाड़ जेल में बंद हैं।

 

न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने कलमाडी की जमानत याचिका पर अगली सुनवाई की तारीख नौ जनवरी मुकर्रर की। कलमाडी ने यह देखकर जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की कि 2जी घोटाला मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि 'जमानत का नियम होना चाहिए और जेल को एक अपवाद माना जाए।

 

कलमाडी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने शुक्रवार को अपनी बहस का आधार सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी गई व्यवस्था को बनाया तथा कलमाडी के स्वास्थ्य के प्रति चिंता भी जताई। रोहतगी ने हाईकोर्ट की खंडपीठ से कहा कि स्वास्थ्य की दृष्टि से कलमाडी की हालत गंभीर है और उन्हें चिकित्सकों की देखरेख में रखे जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता के हृदय के वाल्व को कुछ समय पहले बदला गया था और पिछले दिनों उन्हें मस्तिष्काघात भी लगा था।

 

रोहतगी ने यह भी कहा कि कलमाडी पिछले वर्ष 26 अप्रैल से ही न्यायिक हिरासत में हैं और इस मामले में एक आरोपपत्र भी दाखिल किया जा चुका है। उन्होंने दलील दी कि कलमाडी को लम्बे समय तक हिरासत में रखने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सीबीआई ने पिछले वर्ष तीन नवंबर को विशेष अदालत को बताया था कि जांच पूरी चुकी है।
यह दलील पेश करते हुए कि लगता है, जैसे कलमाडी की हिरासत अनिश्चितकाल के लिए हो। रोहतगी ने कहा कि मेरे मुवक्किल को यदि इस अवस्था में जमानत नहीं मिलेगी तो आखिर कब मिलेगी? किस अवस्था में? नौ महीने की हिरासत कोई कम नहीं होती है। वकील ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेल के लिए निविदा की समस्त प्रक्रियाएं केंद्र सरकार की सहमति से पूरी की गई थीं और सभी फैसले बोर्ड ने सामूहिक रूप से लिए थे। उल्लेखनीय है कि इससे पहले पिछले वर्ष जून में एक निचली अदालत ने कलमाडी की याचिका खारिज कर दी थी।

 

इसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया है। यह मामला खेल सम्बंधी सामान की आपूर्ति के लिए ठेका आवंटन में अनियमितता से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि स्विट्जरलैंड की एक कम्पनी को गलत तरीके से ठेका दिया गया।

(एजेंसी)

First Published: Friday, January 6, 2012, 21:52

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