कालिया को यातना दी होती तो शव क्यों सौंपती पाक सेना: मलिक

कालिया को यातना दी होती तो शव क्यों सौंपती पाक सेना: मलिक

कालिया को यातना दी होती तो शव क्यों सौंपती पाक सेना: मलिकनई दिल्ली : कारगिल के शहीद कैप्टन सौरभ कालिया को यातना दिये जाने के लिए पाकिस्तानी सेना की ओर से माफी मांगने से इनकार करते हुए पडोसी देश के गृह मंत्री रहमान मलिक ने आज इस घटना को यह कहते हुए ज्यादा तवज्जो नहीं दी कि यदि पाकिस्तानी सेना ने कालिया को यातना दी होती तो क्या वह उनका शव सौंपती। तीन दिन की भारत यात्रा पर आये मलिक ने सवालों के जवाब में कहा कि भारत ने पिछले 15 साल में पाकिस्तान के समक्ष कभी यह मुद्दा नहीं उठाया ।

उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तानी सेना ने उसे यातना दी होती तो वह उसका शव क्यों सौंपती । कई बातें हैं । कालिया के पिता मामले को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ले जाना चाहते हैं । कल बैठक के दौरान पहली बार ‘‘ मुझसे यह मामला देखने को कहा गया । ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने वायदा किया है कि कृपया मुझे ब्यौरा दीजिए । मैं वापस जाकर इस मामले को देखूंगा और विस्तृत सूचना दूंगा । मुझे उनके : कालिया : पिता से सहानुभूति है । ’’ मलिक ने अपनी यह टिप्पणी दोहरायी कि उन्हें नहीं मालूम कि कालिया की मौत गोली लगने से हुई या कारगिल में खराब मौसम के कारण ।

यह कहे जाने पर कि क्या वह घटना के लिए माफी मांगेंगे, मलिक ने कहा, ‘‘ मैं जब यहां आया तो कालिया के बारे में कई सवाल पूछे गये । भारत ने न तो मेरे या न ही मेरी सरकार के किसी प्रतिनिधि से द्विपक्षीय आधार पर यह मुद्दा उठाया ।
पाकिस्तान के गृहमंत्री ने कहा, ‘‘ और मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी । यदि कोई 15 साल पुरानी घटना मेरे सामने रखी जाए और मुझसे पाकिस्तानी सेना की ओर से माफी मांगने को कहा जाए .. आपके गृह मंत्री यदि वहां : पाकिस्तान : जाते : और उनसे सवाल किया जाता : तो वह क्या कहते ? ’’ मलिक ने कहा कि वह कालिया के पिता से मिलना चाहेंगे, जिन्होंने हाल ही में इस याचिका के साथ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है कि भारत सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह उनके बेटे को पाकिस्तानी सेना के कब्जे में दी गयी यातना का मुद्दा उठाये ।

पाकिस्तानी गृह मंत्री ने कहा कि उन्होंने कालिया के पिता का इंटरव्यू देखा है । ‘‘ यह बहुत पीडादायक था । उन्होंने कहा कि वह मुझसे हाथ मिलाना चाहते हैं । मामले की जांच नहीं की गयी है । हम संयुक्त रूप से पूरे मामले को देखेंगे । ’’ उच्चतम न्यायालय ने कारगिल के शहीद कालिया के पिता की याचिका पर केन्द्र से कल जवाबतलब किया है ।

कारगिल में पाकिस्तानी सैनिकों की घुसपैठ के बारे में पहले पहल सूचना पाने वाले दल में कैप्टन कालिया थे । उन्हें और पांच अन्य को 15 मई 1999 को पाकिस्तान ने पकड़ लिया था । 20 दिन बाद बुरी तरह से क्षत विक्षत शव भारत को सौंपा गया ।

कालिया के शव की आटोप्सी रिपोर्ट से पता चला कि मृत्यु से पहले कालिया को बुरी तरह यातना दी गयी थी । उन्हें सिगरेट से जलाया गया, उसके कान के पर्दे लोहे की सलाखों से फाड़ डाले गये और कई महत्वपूर्ण अंग काट लिये गये थे। (एजेंसी)

First Published: Saturday, December 15, 2012, 20:40

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