Last Updated: Monday, August 12, 2013, 12:20
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली/जम्मू: जम्मू कश्मीर में हिंसा सहित अलग अलग मुद्दों पर विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण संसद में कार्यवाही बाधित हुई और दोनों सदनों को दोपहर बाजे तक स्थगित कर दिया गया। वहीं, जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किश्तवाड़ सांप्रदायिक हिंसा की न्यायिक जांच करने के आदेश दिए हैं।
राज्यसभा में आज भी प्रश्नकाल नहीं हो सका और एक बार के स्थगन के बाद बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन की बैठक शुरू होते ही भाजपा और बसपा के सदस्यों ने जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में हुई हिंसा का मुद्दा उठाया। भाजपा के एम वेंकैया नायडू ने कहा कि किश्तवाड़ में जो कुछ हुआ वह चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता को जम्मू कश्मीर सरकार ने किश्तवाड़ का दौरा करने की अनुमति नहीं दी।
बसपा के नरेंद्र कश्यप ने भी किश्तवाड़ का मुद्दा उठाते हुए कहा कि अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो स्थिति गंभीर हो जाएगी।
इसी बीच तेदेपा सदस्य पृथक तेलंगाना राज्य के गठन का विरोध करते हुए पोस्टर ले कर आसन के समक्ष आ गए। वाम दलों के सदस्य भी केरल के सौर पैनल घोटाला का मुद्दा उठाते हुए पोस्टर ले कर आसन के समक्ष आ पहुंचे।
सभापति ने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और सदन में पोस्टर न दिखाने को कहा। उन्होंने सदन में विपक्ष के नेता और भाजपा सदस्य अरूण जेटली को बोलने के लिए कहा। लेकिन हंगामे के कारण जेटली अपनी बात नहीं रख पाए।
हंगामा थमते न देख सभापति ने बैठक शुरू होने के महज तीन मिनट के भीतर ही इसे 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।
लोकसभा में किश्तवाड़ सहित अन्य मुद्दों पर सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित हो गई।
इस बीच, उमर ने कहा कि सांप्रदायिक हिंसा की न्यायिक जांच होगी। हाई कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश इस घटना की जांच निर्धारित समय में करेंगे। उमर ने कहा कि जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी।
First Published: Monday, August 12, 2013, 10:12