Last Updated: Tuesday, October 2, 2012, 08:41

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : अन्ना हजारे से अलग होने के करीब दो हफ्ते बाद सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल मंगलवार को अपने राजनीतिक दल के गठन की घोषणा के साथ औपचारिक रूप से राजनीति में प्रवेश करेंगे। केजरीवाल और मनीष सिसौदिया ने कहा कि मंगलवार सुबह यहां कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित एक समारोह में नई पार्टी घोषणा की जाएगी, हालांकि पार्टी के नाम की घोषणा बाद में की जाएगी। इस नई पार्टी की रुपरेखा आज पहली बार सामने आएगी। उधर, अन्ना हजारे पहले ही कह चुके हैं कि उन्हें केजरीवाल के पार्टी बनाने पर ऐतराज नहीं है।
गांधी जयंती के मौके पर आयोजित समारोह में ही राजनीतिक पार्टी का दृष्टिकोण, विधान और सदस्यों तथा उम्मीदवारों के चयन के बारे में बताया जाएगा। प्रस्तावित पार्टी में यदि कोई अनुचित कामकाज होता है तो ऐसे मामलों की जांच के लिए एक आंतरिक लोकपाल की भी नियुक्ति की जाएगी। आंतरिक लोकपाल के तौर पर एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश का नाम आज घोषित किया जाएगा।
गौर हो कि इस बारे में जानकारी देने से पहले केजरीवाल और सिसौदिया ने दिल्ली आए अन्ना हजारे से मुलाकात की। हजारे ने राजनीतिक दल बनाने का विरोध करते हुए केजरीवाल से अलग होकर 19 सितंबर को कहा था कि वह आंदोलन को राजनीतिक शक्ल लेने के खिलाफ हैं। जाने माने समाज सेवक अन्ना हजारे और उनके सहयोगी रहे अरविंद केजरीवाल के बीच मतभेद उस समय साफ नजर आए जब वयोवृद्ध गांधीवादी अन्ना ने कहा कि वह उन सभी प्रत्याशियों को समर्थन नहीं देंगे, जिन्हें ‘इंडिया अगेन्स्ट करप्शन’ द्वारा बनाई जाने वाली पार्टी चुनाव मैदान में उतारेगी।
बहरहाल अन्ना ने केजरीवाल के इस कथन से अलग राय जताई कि अगर ईमानदारी से काम किया गया तो वह उनके पास लौट आएंगे। अन्ना ने कहा कि केजरीवाल ने सबसे पहले पार्टी बनाने का विचार जाहिर किया था।
अन्ना ने कहा था कि मैंने विकल्प नहीं दिया। जब मैंने विकल्प की बात कही थी तो कहा था कि यह अच्छा विचार है लेकिन मैंने 5-6 सवालों के जवाब देने को उनसे कहा था। मुझे उनके जवाब नहीं मिले। उन्होने कहा था कि राजनीति का मार्ग पवित्र नहीं है और गंदगी से भरा है लेकिन आंदोलन का रास्ता पवित्र है।
उधर, केजरीवाल ने पहले कहा था कि वे सत्ता पर काबिज होने के लिए राजनीति में नहीं जा रहे और राजनीति भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को मजबूत करने का उनका एक और प्रयास है। संभावना है कि केजरीवाल की पार्टी सबसे पहले अगले साल दिल्ली विधानसभा चुनावों में किस्मत आजमा सकती है। हालांकि इस साल भाजपा शासित गुजरात और हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर उन्होंने चुनाव लड़ने के कोई संकेत नहीं दिए।
First Published: Tuesday, October 2, 2012, 08:41