Last Updated: Tuesday, May 15, 2012, 16:39
नई दिल्ली : मौसम विभाग का अनुमान है कि केरल में मानसून का आगमन एक जून को तय समय पर हो जाएगा। इसके साथ ही देश में चार माह तक चलने वाली मानूसन के मौसम की शुरुआत हो जाएगी। देश की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिए यह मौसम काफी महत्व रखता है।
भारतीय मौसम विभाग ने मंगलवार को कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून केरल तट में एक जून को पहुंचेगा। इसमें चार दिन आगे पीछे हो सकते हैं। दक्षिण अंडमान सागर में भी मानसून के आगमन की तैयारी हो चुकी है। आमतौर पर यहां मानसून 20 मई को पहुंचता है। इसके बाद मानूसन की बारिश केरल तट को सरोबार करती है, जो देश के लाखांे किसानांे के चेहरे पर खुशी लेकर आती है।
मौसम विभाग का अनुमान है कि अंडमान सागर में मानसूनी वर्षा सामान्य तिथि से कुछ देर से होगी। पिछले महीने ही देश में लगातार तीसरे साल मानूसन सामान्य रहने का अनुमान लगाया गया था। मौसम विभाग ने 26 अप्रैल की घोषित मौसम के पूर्वानुमान में कहा कि मानसून सामान्य रहने की 47 प्रतिशत संभावना है जबकि इसके सामान्य से कम रहने के बारे में 24 प्रतिशत संभाव्यवता है।
देश में चावल, कपास, सोयाबीन और मक्का की खरीफ मौसम में होने वाली फसलों के लिए मानसून की वर्षा काफी महत्व रखती है। देश में 60 प्रतिशत कृषि भूमि सिंचाई के लिए वर्षा पर ही निर्भर है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 15, 2012, 22:09